Krishna ji ki Aarti : भगवान विष्णु ने धरती पर श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लिया और लोगों को प्रेम, विश्वास, हार-जीत, मोह व धर्म-अधर्म का पाठ पढ़ाया । श्रीकृष्ण, हिन्दू धर्म में भगवान हैं। वे विष्णु के 8वें अवतार माने गए हैं। कन्हैया, माधव, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता है। ब्रजवासी श्री कृष्ण को ब्रज नंदन भी कहते हैं। आओ पढ़ते हैं करत आरती नवब्रजनारी की। भगवान श्री कृष्ण को ये आरती अत्यंत प्रिय है, प्रभु की पूजा आराधना के बाद ये आरती पढ़ने से प्रभु बहुत प्रसन्न होते हैं और साधक की सारी मनोकामना पूर्ण करते हैं
Krishna ji ki Aarti : भगवान श्री बृजनंदन जी की आरती
करत आरती नवब्रजनारी।
अगर कपूर सुगन्धित बूका,
बिबिध भांति की सांझ संवारी।।
घंटा झालर शंख नृसिंहा,
बिजै घंट धुनि परम सुखारी।
Krishna ji ki Aarti
बंसी बीन मृदंग तम्बूरा,
सहनाई बाजत है न्यारी।।
बरसत फूल गगन सों सुरगन,
देवबधू नाचत दै तारी।
Krishna ji ki Aarti
हरषत सखी करत न्योछावर,
नारायण होवैं बलिहारी।।
———-समाप्त———-
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