Krishna Janmashtami 2021: इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त 2021 को मनाई जाएगी। मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। तभी से हर वर्ष इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म को कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सभी कृष्ण भक्त मंदिरों में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को उमंग और उत्साह के साथ मनाते हैं। अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि में भगवान के जन्म लेने का इंतजार सभी को होता है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर घरों पर बाल गोपाल की विशेष पूजा-आराधना होती है। आज से लगभग 5248 वर्ष पहले मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था इसलिए जन्माष्टमी के पर्व का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं जन्माष्टमी पर बालगोपाल के जन्म के अवसर पूजा सामग्री की लिस्ट…
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Krishna Janmashtami 2021: Janmashtami Puja Samagri
– बालगोपाल के लिए झूला
– बालगोपाल की लोहे या तांबे की मूर्ति
– बांसुरी
– बालगोपाल के वस्त्र
– श्रृंगार के लिए ज्वैलरी
– बालगोपाल के झूले को सजाने के लिए फूल
– तुलसी के पत्ते
– चंदन
– कुमकुम
– अक्षत
– मिश्री
– मख्खन
– गंगाजल
– धूप बत्ती (अगरबत्ती)
– कपूर
– केसर
– सिंदूर
– सुपारी
– पान के पत्ते
– पुष्पमाला
– कमलगट्टे
– तुलसीमाला
– धनिया खड़ा
– लाल कपड़ा (आधा मीटर)
– केले के पत्ते
– शहद
– शकर,
– शुद्ध घी
– दही
– दूध
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Krishna Janmashtami 2021: जन्माष्टमी पूजन विधि
इस वर्ष जन्माष्टमी का पर्व सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी। जन्माष्टमी के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके व्रत का संकल्प लें। माता देवकी और भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति या चित्र पालने में स्थापित करें। पूजन में देवकी,वासुदेव,बलदेव,नन्द, यशोदा आदि देवताओं के नाम जपें। रात्रि में 12 बजे के बाद श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएं। पंचामृत से अभिषेक कराकर भगवान को नए वस्त्र अर्पित करें एवं लड्डू गोपाल को झूला झुलाएं। पंचामृत में तुलसी डालकर माखन-मिश्री व धनिये की पंजीरी का भोग लगाएं तत्पश्चात आरती करके प्रसाद को भक्तजनों में वितरित करें।