Publish Date - July 31, 2022 / 06:06 AM IST,
Updated On - November 29, 2022 / 11:17 AM IST
Fasting in Shravan Month: नई दिल्ली। सावन के महीने में कई ऐसे व्रत त्योहार पड़ते हैं जिनमें उपवास रखने की परंपरा बरसों से चली आ रही है। सावन के सोमवार, सावन शिवरात्रि, सावन में पड़ने वाला मंगला गौरी व्रत, हरियाली तीज इन सभी तिथियों पर उपवास रखा जाता है। चलिए जानते हैं कि श्रावण मास में व्रत रखने को विज्ञान क्यों मानता है फायदेमंद।
आषाढ़ मास की एकादशी से संयम, व्रत, साधना के चातुर्मास प्रारंभ हो जाते हैं। चातुर्मास के चार माह श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक में से श्रावण माह में व्रत रखना धार्मिक दृष्टि से तो महत्वपूर्ण होता ही है, साथ ही सावन में व्रत रखने को विज्ञान भी सपॉर्ट करता है। सावन के महीने में कई ऐसे व्रत त्योहार पड़ते हैं जिनमें उपवास रखने की परंपरा बरसों से चली आ रही है।
सावन के सोमवार, सावन शिवरात्रि, सावन में पड़ने वाला मंगला गौरी व्रत, हरियाली तीज इन सभी तिथियों पर उपवास रखा जाता है। आइए जानते हैं कि श्रावण मास में व्रत रखने को विज्ञान क्यों मानता है फायदेमंद।
सावन माह में हमारी पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है। ऐसे में यदि हम व्रत नहीं रखते हैं तो शरीर पर इसका गलत प्रभाव पड़ता है और सेहत बिगड़ जाती है।
सावन के महीने में पत्तेदार सब्जियां पालक, मैथी, लाल भाजी, बथुआ, गोभी, पत्तागोभी जैसी सब्जियां खाने से सेहत को नुकसान होता है, क्योंकि इनमें बैक्टीरिया और कीड़ों की संख्या बढ़ जाती है।
व्रत नहीं रखने से आने वाले समय में आपको किसी भी प्रकार का गंभीर रोग हो सकता है। व्रत का अर्थ पूर्णत: भूखा रहकर शरीर को सुखाना नहीं बल्कि शरीर को कुछ समय के लिए आराम देना और उसमें से जहरीले तत्वों को बाहर करना होता है।
पशु, पक्षी और अन्य सभी प्राणी समय समय पर व्रत रखकर अपने शरीर को स्वस्थ कर लेते हैं। शरीर के स्वस्थ होने से मन और मस्तिष्क भी स्वस्थ हो जाते हैं। अत: रोग और शोक मिटाने वाले चतुर्मास में कुछ विशेष दिनों में व्रत रखना चाहिए।
व्रत रखने का मूल उद्देश्य होता है संकल्प को विकसित करना। संकल्पवान मन में ही सकारात्मकता, दृढ़ता और एकनिष्ठता होती है। संकल्पवान व्यक्ति ही जीवन के हर क्षेत्र में सफल होता हैं। जिस व्यक्ति में मन, वचन और कर्म की दृढ़ता या संकल्पता नहीं है वह मृत समान माना गया है।
संकल्पहीन व्यक्ति की बातों, वादों, क्रोध, भावना और उसके प्रेम का कोई भरोसा नहीं।