नई दिल्ली। कल से शुरू होने वाल जून का महीना ज्योतिष लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें दो ग्रहण लगने वाले हैं। इस महीने में 5 जून को चंद्र ग्रहण है वहीं 21 जून को सूर्य ग्रहण होगा। ये दोनों ही ग्रहण भारत में दिखाई देंगे, पांच दिन बाद लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत के अलावा यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में भी दिखाई देगा। वहीं 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत, दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया में दिखाई देगा।
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5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण 3 घंटे 18 मिनट का होगा, यह एक पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण होगा जिसमें आमतौर पर एक पूर्ण चंद्रमा से अंतर करना मुश्किल होता है। यह चंद्र ग्रहण 5 जून को रात 11:15 बजे से शुरू होगा, रात 12:54 बजे इसका सबसे ज्यादा असर दिखाई देगा और 6 जून 02:34 बजे समाप्त हो जाएगा। हालांकि उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। वहीं, 21 जून के सूर्य ग्रहण का आंशिक ग्रहण सुबह 9:15 पर शुरू होगा, 12:10 पर अधिकतम ग्रहण और दोपहर 3:04 बजे आंशिक ग्रहण समाप्त होगा। इस ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाएगा।
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ज्योतिषियों के मुताबिक इस साल लगने वाले ग्रहण काफी अहम हैं, खासकर सूर्य ग्रहण पर सबसे ज्यादा ज्योतिषियों की नजर है, क्योंकि यह ग्रहण मिथुन राशि में लगेगा।ज्योतिषियों के अनुसार इससे मिथुन राशि के जातकों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा।
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ग्रहण काल के दौरान खाना-पीना नहीं चाहिए। इस समय कोई भी शुभ कार्य, यहां तक की भगवान की सामान्य पूजा-आरती भी नहीं करनी चाहिए। मंदिर या घर में बने मंदिर में भी भगवान के पट बंद करने की बात शास्त्रों में कही जाती है। सूतक लगने के बाद से ही गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि ग्रहण काल के दौरान नकारात्मक शक्तियां प्रबल होती हैं, जिसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है।
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ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करने की भी मान्यता है, ग्रहण काल के सूतक से पहले ही खाने की सभी चीजों में तुलसी के पत्ते रख देने चाहिए, बता दें कि जून के बाद 5 जुलाई को फिर से चंद्र ग्रहण लगेगा। इससे पहले 10 जनवरी को साल का पहला ग्रहण लग चुका है। इस साल कुल 5 ग्रहण लगने वाले हैं।