चतरा: Kharmas Kab Khatm Hoga, खरमास का समापन जल्द ही होने वाला है। 17 दिसंबर से चल रहा खरमास 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही मांगलिक कार्यों का शुभारंभ होगा। शादियों और अन्य शुभ कार्यक्रमों की शुरुआत मकर संक्रांति के बाद होगी। मां भद्रकाली मंदिर और कौलेश्वरी पर्वत जैसे धार्मिक स्थलों पर एक बार फिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ जुटने लगेगी।
नए साल के पहले महीने में 16 जनवरी से विवाह के लिए शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएंगे। जनवरी में 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 24, 26 और 27 तारीख को शादी के लिए बेहद शुभ माना गया है। इन दिनों मां भद्रकाली मंदिर में सैकड़ों जोड़े विवाह बंधन में बंधेंगे।
Kharmas Kab Khatm Hoga, खरमास के दौरान शुभ कार्यों पर रोक लगाई जाती है। इस अवधि में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, नई नौकरी की शुरुआत, नई योजनाओं का शुभारंभ और महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचने की सलाह दी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास के दौरान किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य शुभ नहीं माने जाते।
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कौलेश्वरी पर्वत पर हर साल मुंडन संस्कार के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। ढोल-नगाड़ों और जयकारों के बीच यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा से भर जाता है। मकर संक्रांति के बाद इस पर्वत पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों का जमावड़ा बढ़ने लगेगा।
यहां विदेशी पर्यटकों की भीड़ भी देखने को मिलती है। नेपाल, भूटान, जापान और अन्य देशों के बौद्ध व जैन धर्मावलंबी यहां बड़ी संख्या में आते हैं। देवघर के बाद यह झारखंड का एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है।
पंडित बाबा विनोद मिश्रा के अनुसार, मकर संक्रांति के साथ ही खरमास की समाप्ति होगी और सभी शुभ कार्यों का शुभारंभ होगा। कौलेश्वरी प्रबंधन समिति ने बताया कि संक्रांति के बाद पर्यटकों और श्रद्धालुओं की भीड़ में भारी वृद्धि होगी। जाड़े के मौसम में यहां का सौंदर्य और बढ़ जाता है, जो विदेशी सैलानियों को भी आकर्षित करता है।
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खरमास के दौरान भी कौलेश्वरी पर्वत पर्यटकों से गुलजार रहता है। साल के अंतिम और नए साल के पहले दिन के अलावा मकर संक्रांति के अवसर पर भी यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। चैत्र नवरात्र के दौरान यह स्थल लाखों सैलानियों से भर जाता है।
खरमास की समाप्ति के बाद इस पवित्र स्थल पर धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन गतिविधियों की रौनक बढ़ने की उम्मीद है।