नई दिल्ली : Kharmas 2024 : साल का दुसरा खरमास 15 दिसंबर से लगने जा रहा है। साल के दूसरे खरमास की समाप्ति 14 जनवरी को 2025 ने होगी। खरमास की अवधि में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। ऐसे में आप खरमास में रोजाना सूर्य चालीसा का पाठ कर सकते हैं। इससे आपके ऊपर सूर्य देव की कृपा बनी रहती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
खरमास में पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन और भगवान विष्णु की आराधना का विशेष महत्व है। भगवान सूर्य वृश्चिक राशि से 15 दिसंबर को रात्रि 10:11 बजे धनु राशि में प्रवेश करेंगे। वह 14 जनवरी 2025 तक सुबह 8:55 बजे तक धनु राशि में रहेंगे। इसके बाद 15 जनवरी 2025 को सूर्य का गोचर मकर राशि में होगा। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास की शुरुआत हो जाएगी। इस दौरान बुध ग्रह के स्थान पर अधिक जोर दिया जाता है।
खरमास महीने में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।
नया घर, प्लॉट या फ्लैट भी नहीं खरीदना चाहिए, नए फ्लैट और घर में गृह प्रवेश भी नहीं करना चाहिए।
उपनयन संस्कार, किसी नए व्रत और पूजा अनुष्ठान की शुरुआत भी नहीं करनी चाहिए।
किसी नए काम की शुरुआत, दुकान की ओपनिंग जैसे काम को भी टाल देना चाहिए।
रिंग सेरेमनी और अन्य शुभ काम करने से भी परहेज करना चाहिए।
गजकेसरी योग: दोपहर 3 बजकर 4 मिनट से
रवि योग: सुबह 07:50 बजे से कल सुबह 05:48 बजे तक
शिव योग: प्रात:काल से लेकर 11:54 ए एम तक
सिद्ध योग: 11:54 ए एम से देर रात तक
ब्रह्म मुहूर्त: 05:16 ए एम से 06:11 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 11:55 ए एम से 12:36 पी एम
विजय मुहूर्त: 01:59 पी एम से 02:40 पी एम
2025 में 14 जनवरी को खरमास का खत्म होगा। 16 जनवरी से विवाह सहित अन्य सभी तरह के मंगल कार्य शुरू होंगे। पंचांग के अनुसार जनवरी में 10 दिन फरवरी में 14 दिन, मार्च में 5 दिन, अप्रैल में 9 दिन, मई में 15 दिन, जून में 5 दिन के विवाह मुहूर्त हैं। इसके बाद जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्तूबर में विवाह के मुहूर्त नहीं हैं। चार माह के लिए भगवान विष्णु शयन में चले जाते हैं। नवंबर में 13 दिन और दिसंबर 2025 में मात्र तीन दिन विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। नये साल 2025 में 74 दिन शहनाई बजेगी।
खरमास 2024 का दूसरा खंड 15 दिसंबर से शुरू हो रहा है और यह 14 जनवरी 2025 तक चलेगा।
खरमास के दौरान मांगलिक कार्य, गृह प्रवेश, नया घर खरीदना, उपनयन संस्कार, व्रत और पूजा अनुष्ठान की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा, किसी नए काम की शुरुआत या रिंग सेरेमनी से भी परहेज करना चाहिए।
खरमास में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि इससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाती है।
खरमास के दौरान गजकेसरी योग, रवि योग, शिव योग, सिद्ध योग, ब्रह्म मुहूर्त और अभिजीत मुहूर्त जैसे कई शुभ मुहूर्त होंगे, जिनका उपयोग पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए किया जा सकता है।
2025 में खरमास 14 जनवरी को समाप्त होगा, और 16 जनवरी से विवाह जैसे मंगल कार्य शुरू हो सकेंगे।