रायपुर: mauni amavasya 2023 date and time माघ मास की अमावस्या जिसे मौनी अमावस्या कहते हैं। यह योग पर आधारित महाव्रत है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस मास को भी कार्तिक के समान पुण्य मास कहा गया है। गंगा तट पर भक्त जन एक मास तक कुटी बनाकर गंगा सेवन करते हैं।
Read More: कैप्सूल वाहन की टक्कर से टुकड़ों में बंटा ट्रैक्टर, ड्राइवर ने ऐसे बचाई जान
mauni amavasya 2023 date and time जब सागर मंथन से भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए उस समय देवताओं एवं असुरों में अमृत कलश के लिए खींचा-तानी शुरू हो गयी इससे अमृत की कुछ बूंदें छलक कर इलाहाबाद हरिद्वार नासिक और उज्जैन में जा गिरी। यही कारण है कि यहाँ की नदियों में स्नान करने पर अमृत स्नान का पुण्य प्राप्त होता है।
यह तिथि अगर सोमवार के दिन पड़ती है तब इसका महत्व कई गुणा बढ़ जाता है। अगर सोमवार हो और साथ ही महाकुम्भ लगा हो तब इसका महत्व अनन्त गुणा हो जाता है। शास्त्रों में कहा गया है सत युग में जो पुण्य तप से मिलता है द्वापर में हरि भक्ति से, त्रेता में ज्ञान से, कलियुग में दान से, लेकिन माघ मास में संगम स्नान हर युग में अन्नंत पुण्यदायी होगा। इस तिथि को पवित्र नदियों में स्नान के पश्चात अपने सामर्थ के अनुसार अन्न, वस्त्र, धन, गौ, भूमि, तथा स्वर्ण जो भी आपकी इच्छा हो दान देना चाहिए। इस दिन तिल दान भी उत्तम कहा गया है।
Read More: शिवराज-कमलनाथ के बीच जुबानी जंग, सीएम ने किया प्रहार, तो पूर्व सीएम ने दिया करारा जवाब
इस तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है अर्थात मौन अमवस्या। चूंकि इस व्रत में व्रत करने वाले को पूरे दिन मौन व्रत का पालन करना होता इसलिए यह योग पर आधारित व्रत कहलाता है। शास्त्रों में वर्णित भी है कि होंठों से ईश्वर का जाप करने से जितना पुण्य मिलता है, उससे कई गुणा अधिक पुण्य मन का मनका फेरकर हरि का नाम लेने से मिलता है। इसी तिथि को संतों की भांति चुप रहें तो उत्तम है। अगर संभव नहीं हो तो अपने मुख से कोई भी कटु शब्द न निकालें। इस तिथि को भगवान विष्णु और शिव जी दोनों की पूजा का विधान है।
वास्तव में शिव और विष्णु दोनों एक ही हैं जो भक्तों के कल्याण हेतु दो स्वरूप धारण करते हैं। इस बात का उल्लेख स्वयं भगवान ने किया है। इस दिन पीपल में आर्घ्य देकर परिक्रमा करें और दीप दान दें। जो लोग गरीबी से त्रस्त है, संतान प्राप्ति न होती हो, व्यवसाय शुरू होते ही ठप्प पड़ जाता हो, उनके लिए मौनी अमावस्या का पर्व विशेष फल लेकर आ रहा है। ऐसे पीड़ित लोग चांदी का छोटा सा पीपल बनाकर दान करेंगे तो सारे दुर्योगों का विनाश हो जाएगा।
कर्क –
नये अवसर की प्राप्ति….
आय में वृद्धि….
सामाजिक यश….
उदर विकास …
शुक्र से संबंधित कष्टों से बचाव के लिए –
ऊॅ शुं शुक्राय नमः का जाप करें…
चावल, दूध, दही का दान करें…
तुला –
संतानपक्ष से शुभ समाचार की प्राप्ति…
आकस्मिक खर्च से तनाव…
जीवनसाथी के स्वास्थ्य से चिंता…
बृहस्पति कृत दोषों की निवृत्ति के लिए –
ऊॅ गुरूवे नमः का जाप करें…
पीली वस्तुओं का दान करें…
गुरूजनों का आर्शीवाद लें..
कुंभ –
भागीदारी में लाभ…
संपत्ति से संबंधित विवादों की समाप्ति…
आलस्य तथा शारीरिक कष्ट…
चंद्रमा के लिए –
ऊॅ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः का जाप करें…
दूध, चावल, का दान करें…
मीन –
शुभ समाचार की प्राप्ति….
नये प्रकार के कार्यो में अच्छी सफलता…
विरोधियों द्वारा प्रशंसा……
सूर्य के उपाय –
ऊॅ धृणि सूर्याय नमः का पाठ करें, सूर्य नमस्कार करें..
गुड़.. गेहू… दान करें..