Kalki Avtar : किस संभल ग्राम में भगवान श्री हरि विष्णु लेंगे कल्कि अवतार ? यहाँ जानिये, ये होगा उनके माता पिता का नाम..

In which Sambhal village will Lord Shri Hari Vishnu take Kalki avatar? Know here, this will be the name of his parents..

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  • Publish Date - December 17, 2024 / 05:00 PM IST,
    Updated On - December 17, 2024 / 05:00 PM IST

Kalki Avtar : धार्मिक पुराणों के अनुसार कलयुग लगभग 432,000 वर्षों का है, जिसका अभी प्रथम चरण चल रहा है। ऐसे में कलयुग के अंतिम चरण में भगवान कल्कि अवतरित होंगे। भगवान कल्कि को भगवान विष्णु का 10वां अवतार माना जाता है. दरअसल, कल्कि भगवान विष्णु के आखिरी अवतार माने जाते हैं। पुराणों में यह भी जिक्र है कि भगवान कल्कि का जन्म सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को संभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नाम के एक ब्राह्मण परिवार में होगा। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब कलयुग अपने अंतिम चरण में होगा और चारों तरफ धर्म की हानि होगी तब भगवान विष्णु कल्कि रूप में पृथ्वी पर प्रकट होंगे। उनके जन्म का उद्देश धर्म की छति को रोकना और कलि राक्षस का वध करना होगा। यह भगवान विष्णु का अंतिम अवतार होगा इसके बाद कलयुग समाप्त हो जाएगा और पुनः सतयुग प्रारंभ होगा। कल्कि अवतार के पिता का नाम विष्णुयश होगा और माता का नाम सुमति होगा ।

Kalki Avtar

सबसे पुराने स्कंद पुराण के दशम अध्याय में स्पष्ट वर्णित है कि कलियुग में भगवान श्रीविष्णु का अवतार श्रीकल्कि के रुप में सम्भल ग्राम में होगा। संभल नामक गांव भारत में कई प्रदेशों में है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, ओड़िसा और छत्तीसगढ़ आदि सभी जगह इस नाम के गांव है।

1. ओड़िसा का संभल गांव: एक संभलपुर उड़ीसा में भी है, यहां भी मां संभलेश्वरी देवी का मंदिर है। यहां पर श्रीहरि विष्णु के अवतार लेने की प्रार्थना की जाती है। यहां पर भी कल्कि धाम बना हुआ है। संबलपुर में प्रागैतिहासिक बस्तियां पाई गई हैं। संबलपुर, ओडिशा का एक ज़िला है. यह महानदी के किनारे बसा है। संबलपुर में प्रागैतिहासिक बस्तियां पाई गई हैं। कुछ लोगों के अनुसार जब ओड़िशा में स्थित अच्युतानंद महाराज की समाधि से उनके पास लगा बरगद के वृक्ष की जटाएं छू लेंगी तब वह संभल ग्राम में जन्म लेंगे।

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2. तिब्बत का गांव संभल: तिब्बत में भी एक संभल ग्राम है। कुछ लोगों के अनुसार वहां पर कल्कि का जन्म हो चुका है और वे जल्द ही सामने आएंगे। तिब्बती बौद्ध परंपरा में शम्भाला एक आध्यात्मिक साम्राज्य है। इसे शम्भाल या शंबल्ला भी कहा जाता है। शम्भाला का ज़िक्र कालचक्र तंत्र में मिलता है। शम्भाला को द प्योर लैंड भी कहा जाता है।

Kalki Avtar

3. उत्तर प्रदेश का संभल ग्राम: कई लोग इसे उत्तर प्रदेश का गांव मानते हैं। कल्कि अवतार के नाम पर वर्तमान में उत्तर प्रदेश के ग्राम संभल में एक मंदिर बना हुआ है। इसी मंदिर को अब भव्य स्वरूप दिए जा रहा है। उनके भजन, आरती और चालीसा भी बन चुके हैं। उनके नाम पर फंड भी एकत्रित किया जाता है।

Kalki Avtar

4. राजस्थान का संबल गांव: राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात की त्रिवेणी संगम स्थल राजस्थान के वांगड़ अंचल (दक्षिण में जनजाति बहुल बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर जिले में) के डूंगरपुर जिले के साबला गांव में हरि मंदिर है जहां कल्कि अवतार की पूजा हो रही है। इसे संभल ग्राम भी कहते हैं। हरि मंदिर के गर्भगृह में श्याम रंग की अश्वारूढ़ निष्कलंक मूर्ति है, जो लाखों भक्तों की श्रद्धा और विश्वास का केंद्र है। भगवान के भावी अवतार निष्कलंक भगवान की यह अद्भुत मूर्ति घोड़े पर सवार है। इस घोड़े के तीन पैर भूमि पर टिके हुए हैं जबकि एक पैर सतह से थोड़ा ऊंचा है। मान्यता है कि यह पैर धीरे-धीरे भूमि की तरफ झुकने लगा है। जब यह पैर पूरी तरह जमीन पर टिक जाएगा तब दुनिया में परिवर्तन का दौर आरंभ हो जाएगा। संत मावजी रचित ग्रंथों एवं वाणी में इसे स्पष्ट किया गया है।

कहा जाता है कि कलयुग में जो भक्त सच्ची श्रद्धा से हनुमान जी की पूजा करेगा, उसे भगवान जरूर दर्शन देंगे. इसलिए इन्हें कलयुग का जीवित या जागृत देवता कहा गया है. तुलसीदास जी ने भी कलयुग में भगवान हनुमान की मौजूदगी का जिक्र किया है. तुलसीदास जी को हनुमान जी की कृपा से ही भगवान राम और लक्ष्मण जी के दर्शन प्राप्त हुए थे किया गया है।

कल्कि अवतार के बारे में कुछ खास बातें

– कल्कि अवतार तीर-कमान से लैस होकर सफ़ेद घोड़े पर सवार होंगे।
– उनका घोड़ा देवदत्त नाम का होगा।
– कल्कि अवतार के गुरु परशुराम होंगे. परशुराम, भगवान विष्णु के ही अवतार माने जाते हैं।
– कल्कि अवतार, भगवान के भक्त होने के साथ-साथ वेदों और पुराणों के ज्ञाता भी होंगे।
– कल्कि अवतार, राजा के भेष में छिपे हुए अत्याचारियों का दमन करेंगे।
– कल्कि अवतार, धर्म और सज्जनता का ढोंग करने वाले दुष्टों का अंत करेंगे।
– कल्कि अवतार के जन्म के बाद सतयुग का प्रारंभ होगा।
– कल्कि अवतार का जन्म सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को उत्तर प्रदेश के संभल गांव में होगा।

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