Bhairav Ashtami 2023: आज प्रीति योग में मनाई जा रही भैरव अष्टमी, यहां जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Bhairav Ashtami 2023: आज प्रीति योग में मनाई जा रही भैरव अष्टमी, यहां जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि Bhairav Ashtami Muhurt or Puja Vidhi

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  • Publish Date - December 5, 2023 / 12:25 PM IST,
    Updated On - December 5, 2023 / 01:40 PM IST

Bhairav Ashtami Muhurt or Puja Vidhi: मार्गशीर्ष मास के  कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। इसे कालाष्टमी और भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता रहै। इस दिन शिव के रौद्र रूप काल भारव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि कालाष्टमी या काल भैरव जयंती पर काल भैरव की पूजा करने से जीवन के सभी संकट, काल, दुख दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते हैं काल भैरव की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…

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काल भैरव की पूजा का शुभ मुहूर्त (Bhairav Ashtami Muhurt)

इस बार 5 दिसंबर को काल भैरव जयंती मनाई जाएगी। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 53 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। वहीं, जो लोग काल भैरव का पूजन रात्रि में करते हैं तो उनके लिए पूजा का शुभ मुहूर्त 5 दिसंबर को रात 11 बजकर 44 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

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काल भैरव पूजा विधि

  1. कालाष्टमी के दिन लोग कठोर उपवास रखते हैं।
  2. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ भगवान कालभैरव की पूजा का विधान है।
  3. कालाष्टमी के दिन सुबह पवित्र स्नान करें।
  4. एक चौकी पर कालभैरव की प्रतिमा स्थापित करें।
  5. विधि अनुसार भैरवबाबा की पूजा करें और फूलों की माला अर्पित करें।
  6. फिर फल-मेवा, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
  7. कालभैरव अष्टकम का पाठ करें फिर पूजा का समापन आरती से करें।
  8. काले कुत्तों को खाना खिलाएं।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है। IBC24 किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें।)