Kaal Sarp Dosh Yog being made on Nag Panchami : श्रावण मास की शुक्लपक्ष की पंचमी को नाग पंचमी के नाम से मनाया जाता है। इस दिन नागों का पूजन किया जाता है। इस दिन व्रत करके सांपों को दूध पिलाया जाता है। गरूड़ पुराण में उल्लेख है कि इस दिन अपने घर के दोनों किनारों पर नाग की मूर्ति बनाकर पूजन करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचमी तिथि का स्वामी नाग है। अर्थात् शेषनाग आदि सर्पराजाओं का पूजन पंचमी के दिन किया जाता है।
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श्रावण मास को शिव का मास माना जाता है साथ ही चूंकि नाग शिवजी के आभूषण माने जाते हैं अतः इस दिन सर्प आदि की पूजा का विधान है। किसी जातक की कुंडली में सर्पदोष हो तो या कालसर्प दोष हो तो उसे इस दिन विधि विधान से सर्प पूजन कर दान आदि देने से जीवन में कालसर्प दोष से उत्पन्न बाधा दूर होती है। माना जाता है कि शिवजी द्वारा विषपान करने से उत्पन्न उनके शरीर के विष को दूर करने के लिए सर्प आदि देवताओं ने उनका विष अपने शरीर में धारण कर लिया था, जिसके उपरांत शिवजी ने उन्हें अपने गले में धारण किया।
माना जाता है कि जिस दिन सभी सर्पो ने शिवजी की रक्षा की वह दिन पंचमी का दिन था, उसी दिन उन्हें सभी देवों ने वरदान दिया कि पंचमी को श्रावण मास के दिन उनकी विधिवत् पूजन की जावेगी। इस पूजन से सभी प्रकार के शारीरिक व्याधि से भी राहत मिलती है।
Kaal Sarp Dosh Yog being made on Nag Panchami : सावन शुक्ल पंचमी तिथि 21 अगस्त 2023 को रात 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 22 अगस्त 2023 को दोपहर 2 बजे होगा।