उज्जैन: काल भैरव मंदिर का रहस्य पूरी दुनिया में भारत को संस्कार और आस्था का देश कहा जाता है। यहां जितने मंदिर उतनी ही मान्यताएं और उतनी ही अलग कहानी है। ऐसा ही एक अनोखा मंदिर मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित है, जिसका रहस्य सुलझाने में बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी हार गए। हैरानी की बात तो ये है कि इस मंदिर का रहस्य सुलझाने आए एक अंग्रेज अफसर भगवान के भक्त बन गए। अब आप सोच रहे होंगे कि ये कौन सा मंदिर है और कया रहस्य है? तो चलिए आपको बताते हैं उस मंदिर के बारे में जहां भगवान का शराब का भोग लगाया जाता है।
काल भैरव मंदिर का रहस्य दरअसल हम बात कर रहे हैं उज्जैन के कोतवाल बाबा भैरवनाथ की जो दिनभर शराब का सेवन करते हैं। बताया जाता है कि मंदिर में रोजाना 2000 से अधिक बोतल शराब चढ़ाई जाती है। साथ ही दिन भर काल भैरव शराब भी पीते हैं। हैरानी की बात तो ये है कि मंदिर के सामने फूल माला के साथ-साथ शराब की दुकानें भी हैं। आइए जानते हैं कि बाबा भैरव को शराब अर्पित करने के पीछे क्या कारण है, साथ ही इसे लेकर लोगों की क्या मान्यता है।
भगवान काल भैरव को तंत्र-मंत्र के स्वामी के रूप में भी जाना जाता है। उनकी पूजा में कई प्रकार के सामग्री का प्रयोग किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव तामसिक प्रवृति के देवता माने जाते हैं। इसलिए उन्हें मदिरा यानी शराब का भोग लगाया जाता है। इस मंदिर में शराब चढ़ाने का प्रचलन सदियों से जारी है। असल में काल भैरव के मंदिर में शराब चढ़ाना संकल्प और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसलिए लोग मदिरा चढ़ाते हैं, लेकिन इस शराब का उपभोग स्वयं नहीं करना चाहिए।
इस मंदिर में दूर-दूर से लोग बाबा भैरव के दर्शन के लिए आते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी की मंदिर में मौजूद भगवान काल भैरव की मूर्ति शराब ग्रहण करती है। पुरातत्व विभाग और वैज्ञानिक भी इस राज का पता नहीं लगा पाए। जिस कारण इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था और भी बढ़ गई है। कहा जाता है कि काल भैरव मंदिर का निर्माण राजा भद्रसेन ने शिप्रा नदी के तट पर करवाया था। यह प्राचीन मंदिर अष्टभैरवों में प्रमुख कालभैरव को समर्पित है।
भिन्न-भिन्न मान्यताओं के अनुसार, भगवान काल भैरव को शराब अर्पित करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती हैं। साथ ही यह भी माना गया है कि काल भैरव के मंदिर में रविवार के दिन मदिरा चढ़ाने से व्यक्ति सभी प्रकार के ग्रह दोष भी दूर होते हैं। इसके अलावा कालसर्प दोष, अकाल मृत्यु और पितृदोष जैसी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए भी लोग भगवान काल भैरव पर शराब अर्पित करते हैं।
एक कहानी ये भी बताई जाती है कि एक अंग्रेज अधिकारी ने मंदिर की खासी जांच करवाई थी। लेकिन कुछ भी उसके हाथ नहीं लगा। उसने प्रतिमा के आसपास की जगह की खुदाई भी करवाई, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। अंग्रेज अफसर ये खोज ही नहीं पाए कि आखिर ये शराब कहां जाती है।
उसके बाद वे भी काल भैरव के भक्त बन गए।