Lunar Eclipse 2022 : कब लगेगा सूतक? इस बार 200 साल बाद बना ये अशुभ योग, इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव आज साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने वाला है। इसे लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। जैसे कि चंद्र ग्रहण कब लगेगा? भारत में दिखाई देगा या नहीं? इसका असर कैसा पड़ेगा ? सूतक काल कब से कब तक रहेगा? और बहुत कुछ। ऐसे में आज हम आपको इस चंद्र ग्रहण से संबंधित सभी जानकारी देंगे। इसके साथ ही आपको बता दें की इस चंद्र ग्रहण पर 200 साल बाद बेहद अशुभ संयोग बन रहा है।
चंद्र ग्रहण का समय भारतीय समय के अनुसार अगर दुनिया में चंद्र ग्रहण की शुरुआत 8 नवंबर को दोपहर में 02:39 मिनट पर होगी. लेकिन भारत में ग्रहण चंद्रोदय के समय से दिखाई देगा. भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत शाम 05:29 को शुरू होगा और शाम को 18:19 बजे तक समाप्तत हो जाएगा. पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों: में लोग पूर्ण चंद्र ग्रहण के गवाह बनेंगे, वहीं देश के बाकी हिस्सों में लोगों को केवल ग्रहण का आंशिक चरण ही नजर आएगा.
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भारत समेत कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण? साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत समेत उत्तरी-पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, हिन्द महासागर, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों से दर्शनीय होगा. दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप से कोई ग्रहण दिखाई नहीं देगा. चंद्र ग्रहण 08 नवंबर को लगेगा और भारत में दृश्यमान होगा. इस चंद्र ग्रहण को बेहद खास माना जा रहा है. साल के आखिरी चंद्र ग्रहण के मौके पर ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है. सूर्य ग्रहण के बाद अब साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने वाला है. ये चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा. साल के आखिरी चंद्र ग्रहण के मौके पर ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है.
आइए जानते हैं कि आगामी चंद्र ग्रहण पर ग्रहों की चाल कैसी रहने वाली है. चंद्र ग्रहण पर ग्रहों की चाल चंद्र ग्रहण के दिन ग्रहों के सेनापति मंगल, शनि, सूर्य और राहु आमने-सामने होंगे. ऐसे में भारत वर्ष की कुंडली में तुला राशि पर सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र की युति बन रही है. इसके अलावा, शनि कुंभ राशि में पंचम और मिथुन राशि में नवम भाव पर मंगल की युति विनाशकारी योग बना रही है. चंद्र ग्रहण का ऐसा संयोग बहुत ही अशुभ माना जा रहा है. वहीं, शनि और मंगल के आमने-सामने होने की वजह से षडाष्टक योग, नीचराज भंग और प्रीति योग भी बन रहा है. ऐसे में चंद्र ग्रहण के दौरान लोगों को बहुत संभलकर रहने की सलाह दी जा रही है. चंद्र ग्रहण के समय मंगल और बृहस्पति जैसे प्रमुख ग्रह वक्री अवस्था में रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र में किसी ग्रह के वक्री होने का मतलब उसकी उल्टी चाल से होता है.
कितने बजे से लगेगा सूतक चंद्र ग्रहण भारत के तमाम हिस्सों में दिखेगा, ऐसे में सूतक काल भी मान्य होगा. चंद्र ग्रहण से ठीक 9 घंटे पहले चंद्र ग्रहण लग जाता है. ऐसे में भारत में सूतक काल की शुरुआत 8 नवंबर की सुबह 8 बजकर 29 मिनट से हो जाएगी. सूतक काल में कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है. जानिए वो नियम- सूतक लगने के बाद सिलाई कढ़ाई का काम न करें. गर्भवती महिलाएं विशेष ध्यान रखें. गर्भवती महिलाएं सूतक से लेकर ग्रहण समाप्त़ होने तक बाहर न निकलें और अपने पेट पर सूतक लगने से पहले ही गेरू लगा लें. सूतक काल में भोजन से परहेज करें, लिक्विड डाइट ले सकते हैं. गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए ये नियम लागू नहीं होता है. खाना न बनाएं और चाकू, कैंची आदि का प्रयोग करने से परहेज करें घर के मंदिर में पूजा न करें. मानसिक जाप करना शुभ होता है, वो कर सकते हैं. खाने की वस्तु में तुलसी का पत्ता डालें. लेकिन उसे सूतक से पहले ही तोड़ लें.
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08 नवंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण का पांच राशियों पर सबसे ज्यादा असर होगा. इसलिए इन राशि के जातकों को बहुत संभलकर रहने की सलाह दी जा रही है. चंद्र ग्रहण के दिन वृष, मिथुन, कन्या, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों को बहुत संभलकर रहना होगा. इन जातकों को सेहत, आर्थिक, करियर और कारोबार के मोर्चे पर नुकसान झेलना पड़ सकता है.
भारतीय समयानुसार, साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को शाम 5 बजकर 32 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. ऐसे में चंद्र ग्रहण का सूतक काल सुबह 9 बजकर 21 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगा.
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत समेत उत्तरी-पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, हिन्द महासागर, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों से दर्शनीय होगा. दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप से कोई ग्रहण दिखाई नहीं देगा
ज्योरतिष शास्त्रो में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। साल का पहला चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि में लग रहा है, इसलिए इसका सर्वाधिक प्रभाव वृश्चिक राशि के लोगों पर देखने को मिला। वृश्चिक के साथ चंद्र गहण का प्रभाव वृष और कर्क राशि पर भी अधिक रहा।
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