‘रिद्धि-सिद्धि’ और ‘शुभ और लाभ’ से क्या संबंध हैं भगवान गणेश का, कार्तिकेय-गणेश में से किसने जीता था ‘ज्ञान का फल’

'रिद्धि-सिद्धि' और 'शुभ और लाभ' से क्या संबंध हैं भगवान गणेश का, कार्तिकेय-गणेश में से किसने जीता था ‘ज्ञान का फल’

  •  
  • Publish Date - August 31, 2020 / 09:47 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

धर्म। भगवान गणेश की दो पत्नी ‘रिद्धि-सिद्धि’ और दो पुत्र ‘शुभ और लाभ’ हैं। गणेशजी के पुत्रों के नाम हम ‘स्वास्तिक’ के दाएं-बाएं लिखते हैं। हम ‘स्वास्तिक’ मुख्य द्वार के ऊपर मध्य में और ‘स्वास्तिक के दोनों तरफ शुभ और लाभ, लिखते हैं।

ये भी पढ़ें-भगवान गणेश के हाथों कैसे हुआ कावेरी नदी का जन्म, देखें बेहद रोचक कथा

ऐसा करने के पीछे एक पौराणिक मत है। हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान गणेश जी को देवों में सर्वप्रथम पूज्य ‘बुद्धि का देवता’ हैं। ‘स्वास्तिक’ बुद्धि को प्रस्तुत करने का पवित्र चिन्ह है। स्वास्तिक की दोनों अलग-अलग रेखाएं गणपति जी की पत्नी रिद्धि-सिद्धि को दर्शाती हैं। रिद्धि शब्द का अर्थ है ‘बुद्धि’ जिसे का हिंदी में शुभ कहते हैं। ठीक इसी तरह सिद्धी इस शब्द का अर्थ होता है ‘आध्यात्मिक शक्ति’ कीपूर्णता यानी ‘लाभ’।

ये भी पढ़ेंक्यों कहा जाता है गणेश जी को एकदन्त, देखें गजानन और परशुराम के भीषण…

चलिए अब आपको गणेश जी और उनके भाई कार्तिकेय की एक कहानी बताते हैं।

एक बार, शिव और पार्वती के पास ‘ज्ञान का फल’ था, जो कि कार्तिकेय और गणेश दोनों को चाहिए था। इसलिए, भगवान शिव ने अपने दोनों बेटों को एक चुनौती दी, कि वे दुनिया के तीन चक्कर लगाकर वापस आएं। जो पहले लौटेगा उसे फल मिलेगा।

कार्तिकेय अपने मोर पर सवार हो कर उड़ गए, लेकिन गणेश के पास केवल उनके वाहन के रूप में छोटे मूषक थे। इसलिए उन्होंने अपने माता-पिता की परिक्रमा की और उन्हें बताया कि उनकी पूरी दुनिया उनके माता-पिता के चरणों में है।

ये भी पढ़ेंविवाह का आमंत्रण ना मिलने से नाराज़ हो गए थे भगवान गणेश, फिर चूहों …

शिव और पार्वती अपने पुत्र के इस उत्तर से प्रभावित हुए और गणेश जी फल प्राप्त कर इस चुनौती को जीत गए।