नई दिल्ली। अयोध्या से आए भागवताचार्य डा. स्वामी राघवाचार्य जी महाराज ने गृहस्थ धर्म सभी आश्रमों में श्रेष्ठ बताया है। तीर्थनगरी शुकतीर्थ स्थित गंगा तट शिव धाम पर श्रीमद भागवत कथा महोत्सव के दौरान ये बात कही है।
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प्रखर परोपकार मिशन ट्रस्ट के तत्वावधान चल रही भागवत कथा में राघवाचार्य जी ने कहा कि गृहस्थी के दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन करने पर मनुष्य संत के समान हो जाता है। भक्ति में ज्ञान और वैराग्य का साथ होना चाहिए। ज्ञान वैराग्य के बिना भक्ति नहीं टिकती है।
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महाराज ने कहा कि भगवान के कार्यो में लगाया गया धन हमेशा सद्मार्ग की ओर ले जाता है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर जी महाराज ने कहा कि भगवान की इच्छा और भक्ति भिन्न हो जाए तो भक्ति में विघन आता है।
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कथा में मुख्य यजमान कोलकाता के मनोहर चौधरी, राजेश अग्रवाल, शिव कुमार, प्रधान सत्येंद्र कुमार, टीकाराम मित्तल, भारत भूषण, आचार्य ध्रुव दत्त, राजीव अग्रवाल, मनीष गर्ग आदि मौजूद रहे।