Karu Bhat kyu khaya jata hai: हिंदू धर्म में हर दिन, तिथि, ग्रह, नक्षत्र, देवी-देवता और तीज-त्योहारों का खास महत्व होता है। इन्ही में से एक है हरतालिका तीज का व्रत। पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन के लिए हर साल देश में हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। वहीं, व्रत के एक दिन पहले तिजहारिन महिलाएं करू भात खाती हैं। इसके दूसरे दिन 24 घंटे के निर्जला व्रत करेंगी। तीज के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर भगवान शिव का पूजन कर कथा सुनती हैं। आज देर शाम तक महिलाएं एक-दूसरे के घर जाकर करू भात की रस्म निभाएंगी। ऐसे में आइए जानते हैं करू भात का महत्व
छत्तीसगढ़ी में कड़वा मतलब ‘करू‘ होता है और पके हुए चावल को ‘भात‘ कहा जाता है। इस व्रत पूजा से एक दिन पहले शाम के समय भोजन में करेला की सब्जी भात का भोग लगाती हैं और खीरा खाकर सोती हैं, ताकि अन्न की डकार न आए। इसके बाद कुछ भी नहीं खाती हैं। इस दिन छत्तीसगढ़ के हर घर में करेले की सब्जी खासतौर पर बनाई जाती है। तीज व्रत के एक दिन पहले करेला इसलिए खाया जाता है, क्योंकि करेला खाने से कम प्यास लगती है। हरतालिका तीज का उपवास महिलाएं निर्जल होकर करती है। इस दिन करेला खाने का दूसरा कारण ये भी है कि मन की शुद्धता के लिए करेले की कड़वाहट जरूरी है, जिससे मन शांत हो जाता है।
इस बार हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर यानी शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 05 सितम्बर 2024 को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 06 सितम्बर, 2024 को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए इस साल हरतालिका तीज का व्रत दिन शुक्रवार, 06 सितम्बर को रखा जाएगा।