Hartalika Teej ki Aarti: हिंदू धर्म में हर दिन, तिथि, ग्रह, नक्षत्र, देवी-देवता और तीज-त्योहारों का खास महत्व होता है। इन्ही में से एक है हरतालिका तीज का व्रत। पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन के लिए हर साल देश में हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन विवाहित महिलाओं के साथ-साथ अविवाहित कन्याएं भी व्रत करती हैं और भोलेनाथ से मनवांछित वर की कामना करती हैं। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है और कठिन निर्जला व्रत किया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे सोलह श्रृंगार करती हैं और मां पार्वती को सुहाग का सामान अर्पित करती हैं। इस लेख में हम आपके उस आरती के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे पूजा के दौरान तिजहारिन महिलाओं को करना चाहिए।
ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुराननपञ्चानन राजे। हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमालामुण्डमाला धारी। त्रिपुरारी कंसारीकर माला धारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बरबाघम्बर अंगे। सनकादिक गरुणादिकभूतादिक संगे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डलुचक्र त्रिशूलधारी। सुखकारी दुखहारीजगपालन कारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिवजानत अविवेका। मधु-कैटभ दोउ मारे,सुर भयहीन करे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
लक्ष्मी व सावित्रीपार्वती संगा। पार्वती अर्द्धांगी,शिवलहरी गंगा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
पर्वत सोहैं पार्वती,शंकर कैलासा। भांग धतूर का भोजन,भस्मी में वासा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
जटा में गंग बहत है,गल मुण्डन माला। शेष नाग लिपटावत,ओढ़त मृगछाला॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
काशी में विराजे विश्वनाथ,नन्दी ब्रह्मचारी। नित उठ दर्शन पावत,महिमा अति भारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरतिजो कोइ नर गावे। कहत शिवानन्द स्वामी,मनवान्छित फल पावे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता॥ जय पार्वती माता
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता, जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता॥ जय पार्वती माता
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा, देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा॥ जय पार्वती माता
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता, हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता॥ जय पार्वती माता
देवन अरज करत हम चित को लाता, गावत दे दे ताली मन में रंगराता॥ जय पार्वती माता
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता, सदा सुखी रहता सुख संपति पाता॥ जय पार्वती माता