Ganpati Sthapana Shubh Muhurat 2024 And Puja Vidhi

Ganpati Sthapana Muhurat 2024: गणेश चतुर्थी पर स्थापना के लिए हैं 3 शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और सामग्री जानें यहां

Ganpati Sthapana Muhurat 2024: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानि 7 सितंबर 2024 को गणेश चतुर्थी प्रारंभ हो रही है। इस दिन देशभर में शुभ

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Modified Date: September 6, 2024 / 09:40 PM IST
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Published Date: September 6, 2024 9:40 pm IST

नई दिल्ली : Ganpati Sthapana Muhurat 2024: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानि 7 सितंबर 2024 को गणेश चतुर्थी प्रारंभ हो रही है। इस दिन देशभर में शुभ मुहूर्त में बप्पा की स्थापना की जाएगी। मान्यता है मूर्ति स्थापना शुभ मुहूर्त में और सूर्यास्त से पहले कर लेना चाहिए, इससेघर-परिवार पर गौरी पुत्र गजानन की कृपा दृष्टि बनी रहती है।

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गणेश चतुर्थी स्थापना मुहूर्त

Ganpati Sthapana Muhurat 2024:  गणेश चतुर्थी पर बप्पा की स्थापना के लिए 3 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। भादों माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 03.01 पर शुरू होगी और 7 सितंबर 2024 को शाम 05.37 तक रहेगी।

गणेश जी स्थापना मुहूर्त – सुबह 07.36 – सुबह 09.10
मध्याह्न काल मुहूर्त – दोपहर 11.03 – दोपहर 01.34
तीसरा शुभ मुहूर्त – दोपहर 01.53 – दोपहर 03.27

मूर्ति स्थापना का शुभ समय

Ganpati Sthapana Muhurat 2024:  गणेश पुराण के मुताबिक गणपति का जन्म चतुर्थी तिथि और चित्रा नक्षत्र में मध्याह्न काल, यानी दिन के दूसरे पहर में हुआ था। 7 सितंबर को ये शुभ काल सुबह 11.20 बजे से शुरू हो रहा है।

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गणेश चतुर्थी की पूजा सामग्री

मिट्‌टी के गणेशजी की प्रतिमा, कुमकुम, हल्दी, अक्षत, सुपारी, सिंदूर, गुलाल, लौंग, जनेऊ, लाल रंग का वस्त्र, पूजा की चौकी, चौकी पर बिछाने का पीला कपड़ा, दूर्वा, कपूर, पंचमेवा, दीपक,धूप, पंचामृत, मौली, फल, गंगाजल, कलश, फल, नारियल, चंदन, केला, फूल माला, आम के पत्ते, अष्टगंध।

स्थापना विधि

Ganpati Sthapana Muhurat 2024:  गणेश चतुर्थी पर सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद धुले कपड़े पहनें. जहां मूर्ति स्थपाना करनी है वहां सफाई कर व्रत का संकल्प लें।
शुभ मुहूर्त में पूजा की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर चावल रखें। चौकी पर दाहीने ओर कलश स्थापित करें. कलश में ब्रह्मांड के देवी-देवता विराजित होते हैं। अब चौकी पर गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करें।
मूर्ति पर आम के पत्ते से जल और पंचामृत थोड़ा सा छिड़ें. अब उन्हें जनेऊ पहनाएं. पूजा की सारी सामग्री अर्पित करें।
मोदक, लड्‌डू का भोग लगाएं। गणेश चालीसा, गणेश स्तोत्र का पाठ करें और धूप दीप जलाकर आरती करें। इसी तरह शाम को भी आरती करें।

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गणेश जी के प्रिय फूल- मल्लिका, जाती, गुलाब, चंपा,गेंदा, कमल और कनेर के फूल प्रिय हैं. इन्हें चढ़ाएं।

गणेश जी के प्रिय पत्ते – दूर्वा, धतूरा, आंक, बेलपत्र, शमी पत्र, केला, कनेर।

गणेश जी के प्रिय भोग – मोदक, लड्‌डू, मखाने की खीर, केला, मालपुआ, नारियल।

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