Ganga Dussehra Aarti: हिंदू धर्म में कुल 33 कोटी देवी-देवताओं के बारे में बताया गया है। साल के 12 महीनों में हर महीने किसी न किसी देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है। इन सबका अपना अलग महत्व होता है। इतना ही मान्यताओं के अनुसार भारत देश में कई पावन नदियां भी जो किसी न किसी देवी-देवातओं का रुप मानी जाती है। ऐसे ही एक है गंगा नदी। जिसे मां गंगा भी कहा जाता है। माना जाता है कि, गंगा दशहरा के दिन गंगा नदीं में दिव्य स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं और कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस दिन दान-पुण्य करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
Ganga Dussehra Aarti: बता दें कि हर साल ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन गंगा मैया स्वर्ग से उतरकर पृथ्वी पर आईं थी। पितरों के तर्पण या शांति के लिए भी इस दिन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की आरती भी हर किसी के जीवन को सुख और समृद्धि से भर देती है।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता।
ॐ जय गंगे माता
चन्द्र-सी ज्योत तुम्हारी जल निर्मल आता।
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता।
ॐ जय गंगे माता
पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता।
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता।
ॐ जय गंगे माता
एक ही बार भी जो नर तेरी शरणगति आता।
यम की त्रास मिटा कर, परम गति पाता।
ॐ जय गंगे माता
आरती मात तुम्हारी जो जन नित्य गाता।
दास वही जो सहज में मुक्ति को पाता।
ॐ जय गंगे माता
ॐ जय गंगे माता ।।