Ganesh Chalisa with Lyrics : हिंदू देवताओं में सबसे प्रसिद्ध और सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवताओं में से एक है और गणपति संप्रदाय में सर्वोच्च देवता है। भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देव माना जाता है और किसी भी शुभ काम की शुरुआत उनकी आराधना के बिना पूरी नहीं होती । जिस प्रकार गणेश जी की पूजा किये बिना अन्य देवी-देवताओं की पूजा अधूरी मानी जाती है उसी प्रकार पूजा के बाद गणेश चालीसा के बिना गणपति की पूजा अधूरी होती है। उन्हें विघ्नहर्ता, गणपति, गजानन, और विनायक जैसे कई नामों से जाना जाता है। भगवान गणेश के बारे में कहा जाता है कि उनके स्मरण मात्र से व्यक्ति के सारे काम पूरे होने लगते हैं ।
Ganesh Chalisa with Lyrics : आईये यहाँ सुनें और गायें श्री गणेश चालीसा का पाठ
|| दोहा ||
जय गणपति सद्गुन सदन, करिवर बदन कृपाल ।
विघ्नहरण मंगल-करण, जय जय गिरिजालाल ॥
गणेश चालीसा
जय जय जय गणपति गणराजू । मंगल भवन करण शुभ काजू ॥
जय गजबदन सदन सुखदाता । विश्व विनायक बुद्धि विधाता ॥
वक्रतुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन । तिलक त्रिपुण्ड भाल मनभावन ॥
राजत मणि-मुक्तन उर माला । स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं । मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥
सुन्दर पीताम्बर तन साजित । चरणपादुका मुनि मन राजित ॥
धनि शिव सुवन ऋद्धि सिद्धि तव कहौं जन्म शुभ षडाननभ्राता । गौरी ललन विश्व विख्याता ॥
चॅवर सुधारे । मूषक वाहन सोहत द्वारे ॥ कथा तुम्हारी । अति शुचि पावन मंगलकारी ॥
कहीँ जन्म शुभ कथा तुम्हारी । अति शुचि पावन मगलकारा ॥
एक समय गिरिराज कुमारी । पुत्र हेतु तप कीन्हीं भारी ॥
Ganesh Chalisa with Lyrics
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा । तब पहुंच्यो तुम धरि द्विज रूपा ॥
अतिथि जानि भे गौरि सुखारी । बहु विधि सेवा करी तुम्हारी ॥
अति प्रसन्न है तुम वर दीन्हा । मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥
मिलहिं पुत्र तुहि बुद्धि विशाला । बिना गर्भ धारण यहि काला ॥
गणनायक गुण ज्ञान निधाना । पूजित प्रथम रूप भगवाना ॥
अस कहि अन्तर्धान रूप है । पलना पर बालक स्वरूप है ॥
बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना । लखि मुख सुख नहिं गौरि समाना ॥
सकल मगन सुख मंगल गावहिं । नभ ते सुरन सुमन बर्षावहिं ॥
शम्भु उमा बहुदान लुटावहिं । सुर-मुनिजन सुत देखन आवहिं ॥
लखि अति आनन्द मंगल साजा । देखन भी आए शनि राजा ॥
Ganesh Chalisa with Lyrics
निज अवगुण गनि शनि मन माहीं । बालक देखन चाहत नाहीं ॥
गिरिजा कछु मन भेद बढ़ायो । उत्सव मोर न शनि तुहि भायो ॥
कहन लगे शनि, मन सकुचाई । का करिहौं, शिशु मोहि दिखाई ॥
नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ । शनि सों बालक देखन कहेऊ ॥
पड़तहिं शनि दृगकोण प्रकाशा । बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥
गिरिजा गिरीं विकल है धरणी । सो दुख दशा जाइ नहिं वरणी ॥
हाहाकार मच्यो कैलाशा । शनि कीन्हों लखि सुत का नाशा ॥
Ganesh Chalisa with Lyrics
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधाये । काटि चक्र सों गजशिर लाये ॥
बालक के धड़ ऊपर धार्यो । प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डार्यो ।
नाम ‘गणेश’ शम्भु तब कीन्हें । प्रथम पूज्य बुद्धिनिधि, वर दीन्हें ॥
बुद्धि परीक्षा जब शिव लीन्ही । पृथ्वी कर प्रदक्षिणा चले षडानन भरमि भुलाई ।
रचे बैठि तुम बुद्धि चरण मात् पित् के धर लीन्हें । तिनके सात प्रदक्षिण कीन्ही ॥ उपाई ॥ कीन्हें ॥
Ganesh Chalisa with Lyrics
धनि गणेश कहि शिव हिय हों । नभ ते सुरन सुमन बहु बर्थ्यो ॥
तुम्हारी महिमा बुद्धि बड़ाई । शेष सहस मुख सके न गाई ॥
मैं मतिहीन मलीन दुखारी । करहुँ कौन विधि विनय तुम्हारी ॥
भजत ‘राम सुन्दर’ प्रभुदासा । लग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ॥
अब प्रभु दया दीन पर कीजै। अपनी भक्ति शक्ति कछु दीजै ॥
Ganesh Chalisa with Lyrics
दोहा
श्री गणेश यह चालीसा, पाठ करै धर ध्यान ।
नित नव मंगल गृह बसै, लहे जगत सनमान ॥
सम्बत अपना सहस दश, ऋषि पंचमी दिनेश ।
पूरण चालीसा भयो, मंगल मूर्ति गणेश ॥
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