Ganesh Aarti : परंपरागत रूप से महादेव शिव शंभू के दुलारे भगवन गणेश सभी देवताओं में से प्रथम पूजनीय हैं। पूजा आराधना यां किसी भी शुभ कार्य को करते समय सबसे पहले भगवान श्री गणेश को पूजा जाता है। भगवान श्री गणेश बुद्धि प्रदान करते हैं और शुभ कार्य करते समय आने वाले सारे विघ्नो को हर लेते हैं। पूजा के पश्चात् आरती यदि न की जाए तो पूजा अधूरी मानी जाती है आरती से प्रभु प्रसन्न हो के मनचाहा आशीर्वाद देते हैं।
Ganesh Aarti : आईये यहाँ पढ़ें और सुनें प्रथम पूजनीय श्री गणेश की पावन आरती
॥ आरती श्री गणपति जी ॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा,सेवा से सब विघ्न टरैं।
तीन लोक के सकल देवता,द्वार खड़े नित अर्ज करैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥
रिद्धि-सिद्धि दक्षिण वाम विराजें,अरु आनन्द सों चमर करैं।
धूप-दीप अरू लिए आरती, भक्त खड़े जयकार करैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥
Ganesh Aarti
गुड़ के मोदक भोग लगत हैंमूषक वाहन चढ्या सरैं।
सौम्य रूप को देख गणपति केविघ्न भाग जा दूर परैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥
भादो मास अरु शुक्ल चतुर्थी, दिन दोपारा दूर परैं।
लियो जन्म गणपति प्रभु जी, दुर्गा मन आनन्द भरैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥
Ganesh Aarti
अद्भुत बाजा बजा इन्द्र का, देव बंधु सब गान करैं।
श्री शंकर के आनन्द उपज्या, नाम सुन्यो सब विघ्न टरैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥
आनि विधाता बैठे आसन,इन्द्र अप्सरा नृत्य करैं।
देख वेद ब्रह्मा जी जाकोविघ्न विनाशक नाम धरैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥
Ganesh Aarti
एकदन्त गजवदन विनायकत्रिनयन रूप अनूप धरैं।
पगथंभा सा उदर पुष्ट हैदेव चन्द्रमा हास्य करैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥
दे शराप श्री चन्द्रदेव को, कलाहीन तत्काल करैं।
चौदह लोक में फिरें गणपति, तीन लोक में राज्य करैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥
Ganesh Aarti
उठि प्रभात जप करैंध्यान, कोई ताके कारज सर्व सरैं
पूजा काल आरती गावैं। ताके शिर यश छत्र फिरैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥
गणपति की पूजा पहले करने से, काम सभी निर्विघ्न सरैं।
सभी भक्त गणपति जी के, हाथ जोड़कर स्तुति करैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा…॥
—————
Read more : यहाँ पढ़ें और सुनें
Mahaveer swami ki Aarti : भगवान महावीर की कृपा पाने के लिए पढ़ें 3 मनमोहक आरतियां…
इन लोगों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आएगा नया…
13 hours agoबदलने वाला है इन 5 राशि के जातकों का भाग्य,…
24 hours ago