jagannath puri mandir kaise pahunche?: रथ यात्रा के लिए जगन्नाथ पुरी कैसे पहुंचे? जानिए सड़क, रेल और हवाई मार्ग से पुरी पहुंचने का पूरा रोड मैप

jagannath puri mandir kaise pahunche?: रथ यात्रा के लिए जगन्नाथ पुरी कैसे पहुंचे? जानिए सड़क, रेल और हवाई मार्ग से पुरी पहुंचने का पूरा रोड मैप

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  • Publish Date - July 6, 2024 / 11:08 AM IST,
    Updated On - July 6, 2024 / 11:08 AM IST

भुवनेश्वर: jagannath puri mandir kaise pahunche? जगन्नाथपुरी चारों धामों में से एक है। हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि में भवान श्री जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है। इस दौरान भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर विराजते हैं। ऐसी मान्यता है कि रथ यात्रा का साक्षात दर्शन करने भर से ही 1000 यज्ञों का पुण्य फल मिल जाता है। अगर आप भी पुरी जाने का प्लान कर रहे हैं और पुरी क्षेत्र के अन्य दर्शनीय स्थलों को घुमना चाहते हैं, तो जानें ले इन स्थलों के बारें में।

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jagannath puri mandir kaise pahunche? गुंडीचा मंदिर: जगन्नाथ मंदिर से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर गुंडिचा मंदिर स्थित है जो कि कलिंग वास्तुकला के आधार पर बनाया गया है। गुंडिचा भगवान जगन्नाथ की मौसी थी और जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ जी अपनी मौसी के घर सात दिनों तक रुकते हैं। इस मंदिर में जाकर आप दर्शन कर सकते हैं। इसके अलावा यहां पर लोकनाथ मंदिर, लिंगराज मंदिर और अलारनाथ मंदिर भी जरूर देखें।

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बेड़ी हनुमान मंदिर: जगन्नाथ पुरी में बेड़ी हनुमान मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है। मंदिर के इतिहास के बारे में बात की जाए तो इस मंदिर की स्थापना राजा इंद्रद्युम्न ने करवाई थी। इस मंदिर में हनुमान जी बेड़ियों में बंधे हुए हैं। समुद्र तट के निकट स्थित यह एक छोटा सा मंदिर है।

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शक्तिपीठ: भारतीय प्रदेश उड़ीसा के विराज में उत्कल स्थित जगह पर माता की नाभि गिरी थी। इसकी शक्ति है विमला और शिव को जगन्नाथ कहते हैं। विमला शक्तिपीठ जगन्नाथ मंदिर के दक्षिण-पश्चिमी कोने में पूर्व की ओर स्थित है। मार्कण्डेय तालाब के पास पुरी में एक सप्त मातृका मंदिर भी मौजूद है। कुछ लोग इसे शक्तिपीठ कहते हैं, लेकिन, विमला मंदिर मूल है। कुछ लोग इसे विराज शक्ति पीठ भी कहते हैं, जो उड़ीसा के जाजपुर में स्थित है।

सुदर्शन शिल्प संग्रहालय: यहां पर बहुत ही फेमस है यह म्यूजियम। इसे भी जरूर देखें।

समुद्री तट: पुरी की सबसे फेमस बीच बालीघई बीच है। यहां आप अपने परिवार के साथ घुम सकते हैं। इसके अलावा आप गोल्डन बीच, स्वर्गद्वार बीच और बलिहाराचंडी बीच भी लोकप्रिय बीच है। इन सभी समुद्र तटों में विभिन्न मनोरंजक एक्टिवीटी होती रहती है।

कोणार्क सूर्य मंदिर: पुरी से 34 किलोमीटर दूर कोणार्क का सूर्य मंदिर है। कोणार्क सूर्य मंदिर वास्तुकला की दृष्टि से तो हैरान करता ही है। साथ ही इसका अध्यात्म की दृष्टि से भी विशेष महत्व है। यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित है। हिंदू धर्म में सूर्य देव को सभी रोगों का नाशक माना गया है।

नंदनकानन चिड़ियाघर: अगर आप छुट्टियों में घुमने का प्लान कर रहे हैं तो जगन्नाथ पुरी के नंदनकानन चिड़ियाघर बहुत अच्छी जगह है। देश में 60 से भी ज्यादा चिड़ियाघर हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही पर्यटन की दृष्टि से संपन्न हैं। सफेद शोरों के अलावा यहां पर सैकड़ों प्रकार के जंगली जानवरों का यहां बसेरा है।

चिल्का झील: यह यहां की सबसे बेस्ट प्राकृतिक लेक है, जिसे आप समुद्र में मिलते हुए देख सकते हैं। इस संगम तक नाव की सवारी करके जब आप पहुंचेंगे तो वहां का प्राकृतिक दृश्य देखकर आपका मन प्रसन्न हो जाएगा।

नरेंद्र टैंक : नरेंद्र पोखरी जिसे नरेंद्र टैंक भी कहा जाता है। यह एक विशाल और पवित्र तालाब है, जो पुरी के जगन्नाथ मंदिर से 1 किलोमीटर की दूरी पर दंडी माला साही क्षेत्र में बना हुआ है।

पूरी जाने का सबसे अच्छा मौसम कौन सा है?

पुरी में यूं तो जगन्नाथ यात्रा निकलने का समय जून माह में होता है, परंतु तब यहां पर बहुत भीड़ होती है। यदि आप पुरी क्षेत्र में घूमना चाहते हैं तो यहां पर अक्टूबर से मार्च के बीच का समय सबसे अच्छा होता है।

पुरी रेलवे स्टेशन से जगन्नाथ मंदिर की दूरी कितनी है?

पुरी रेलवे स्टेशन से जगन्नाथ मंदिर की दूरी करीब 2 किलोमीटर है।

पुरी जगन्नाथ मंदिर की छाया क्यों नहीं है?

दिन के किसी भी समय जगन्नाथ मंदिर के मुख्य शिखर की परछाई नहीं बनती। कहते हैं कि इसकी रचना वास्तु के अनुसार इस प्रकार हुई है कि इसके गुंबद की छाया धरती पर कहीं पर भी दिखाई नहीं देती है, क्योंकि जब छाया पड़ती है तो मंदिर के ऊपरी हिस्से ही इससे आच्छादित हो जाते हैं।

पुरी में फेमस क्या है?

पुरी में जगन्नाथ का मंदिर, जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा, यहां पर प्रसाद, छेना पोडा, चुंगडी मलाई, कनिका, पाखरा भाटा, दाल्मा, सनतुला और रसगुल्ला फेमस है। इसके अलावा यहां के बेड़ी हनुमान की मूर्ति और नीलगिरी की पहाड़ियां प्रसिद्ध है।

पुरी के लिए कितने दिन चाहिए?

संपूर्ण पुरी क्षेत्र घुमने के लिए कम से कम 3 रातें और 4 दिन चाहिए।

जगन्नाथ पुरी का किराया कितना है? पुरी कैसे पहुंचें?

– पुरी पहुंचने के लिए सड़क, रेलवे और हवाई तीनों मार्ग उपलब्ध है।
– देश के हर बड़े शहरों से पुरी का रेलवे स्टेशन जुड़ा हुआ है। यहां पर आप सड़क मार्ग से भी पहुंच सकते हैं।
– आपके शहर से डायरेक्ट पुरी के लिए कोई ट्रेन उपलब्ध नहीं है तो आप भुवनेश्वर ट्रेन से पहुंचकर पुरी के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं।
– भुवनेश्वर से पुरी की दूरी मात्र 60 किलोमीटर और पूरी रेलवे स्टेशन से जगन्नाथ मंदिर की दूरी मात्र 2 किलोमीटर है।
– यदि आपका पुरी तक पहुंचने का माध्यम हवाई जहाज है तो इसका नजदीकी एयरपोर्ट भुवनेश्वर है।

पुरी में कहां पर ठहरें?

पुरी जगन्नाथ मंदिर क्षेत्र में ठहरने के लिए 4 विकल्प हैं- 1.मंदिर ट्रस्ट की तरफ से बने भक्ति निवास, 2.धर्मशाला 3. प्राइवेट होटल और 4.पूरी का मरीन ड्राइव लाइन। आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार रुकने की व्यवस्था देख सकते हैं। यात्रा में शामिल होने के लिए आ रहे हैं तो पहले से ही जगह को बुक कराना होगा। ऑफिशियल वेबसाइट पर ट्रस्ट के रूम बुक करा सकते हैं।

पुरी जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश कैसे करें?

इस मंदिर में सिर्फ हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख लोग ही दर्शन करने के लिए प्रवेश कर सकते हैं। प्रवेश के लिए सिंह द्वारा ही एकमात्र द्वार है। यहां पर प्रवेश के लिए आधार कार्ड साथ रखें और प्रवेश के नियम जा लें।

जगन्नाथ पुरी का प्रसाद क्या है?

एक सूखा प्रसाद और दूसरा गीला प्रसाद। सूखे प्रसाद में नारियल, लड्डू या सूखी मिठाई होती है जबकि गीले में मिक्स चावल, साग-भाजा और सब्जी होती है। साथ ही मालपुआ भी होता है।

पुरी में कौन सी यात्रा निकाली जाती है?

हर साल आषाढ़ माह में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है। पुरी रथ यात्रा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि से शुरू होती हैं। इस रथ यात्रा में तीन रथ होते हैं, पहला श्रीकृष्ण यानी जगन्नाथजी का दूसरा बलभद्र यानी बलरामजी का और तीसरा सुभद्रा जी का।

पुरी में कितने पर्यटन स्थल हैं?

पुरी में जगन्नाथ मंदिर के अलावा कई और दर्शनीय स्थल है। जैसे गुंडिचा मंदिर, बेड़ी हनुमान मंदिर, कोणार्क का सूर्य मंदिर, कई समुद्री तट और संग्रहालय मौजूद है।

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