Ganesh Chaturthi 2023: गणपति बप्पा की इन मूर्तियों से मिलेगी कर्ज से मुक्ति, स्थापना करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान…

These measures of Lord Ganesha increase wealth गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

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  • Publish Date - September 19, 2023 / 10:55 AM IST,
    Updated On - September 19, 2023 / 11:19 AM IST

These measures of Lord Ganesha increase wealth: हिंदू पंचांग के अनुसार भादपद्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस कारण गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में एक कहावत है, “शुभ मुहूर्त कीजै शुभ काजा, तो फल मिले मनचाहा” इसका सरल अर्थ है, किसी भी काम को शुभ मुहूर्त देखकर करने से अधिक लाभ मिल सकता है।

गणेश चतुर्थी के दिन अगर आप गणपति बप्पा को घर लाने और उनकी स्थापना करने की सोच रहें हैं तो शुभ समय ध्यान में रखना जरूरी है। इस बार यह त्योहार 19 सितंबर को मनाया जा रहा है। अगर आप बप्पा की मूर्ति स्थापना करने वाले हैं तो 11 बजकर 18 मिनट से दोपहर 01 बजकर 34 मिनट के बीच मूर्ति स्थापना कर सकते हैं, क्योंकि 01:34 तक स्वाति नक्षत्र रहेगा।

गणपति की अलग-अलग मूर्तियों का महत्व

गणेश जी की अलग अलग मूर्तियां अलग-अलग तरह के परिणाम देती हैं। पीले और रक्त वर्ण की मूर्ति की उपासना सबसे ज्यादा शुभ मानी जाती है। नीले रंग के गणेश जी को ‘उच्छिष्ट गणपति’ कहते हैं। इनकी उपासना विशेष दशाओं में की जाती है। हल्दी से बनी या हल्दी लेपन की हुई मूर्ति ‘हरिद्रा गणपति’ कहलाती है। विशेष मनोकामनाओं के लिए इसका पूजन किया जाता है।

These measures of Lord Ganesha increase wealth: एकदंत गणपति श्याम वर्ण के होते हैं। इनकी उपासना से अदभुत पराक्रम की प्राप्ति होती है। सफेद रंग के गणपति को ऋणमोचन गणपति कहते हैं। इनकी उपासना से ऋणों से मुक्ति मिलती है। चार भुजाओं वाले लाल रंग के गणपति को ‘संकष्टहरण गणपति’ कहते हैं। इनकी उपासना से संकटों का नाश होता है। वहीं, त्रिनेत्रधारी, रक्तवर्ण और दस भुजाधारी गणेश ‘महागणपति’ कहलाते हैं। इनके अंदर समस्त गणपति समाहित होते हैं। घर में सामान्यतः पीले या लाल रंग के गणपति ही स्थापित करने चाहिए।

स्थापना करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान

  • घर में स्थापित करने के लिए कभी बप्पा की ऐसी प्रतिमा न लें जिसमें वो खड़े मुद्रा में हो। हमेशा बप्पा की आलती-पालती मार कर बैठे हुए मुद्रा में प्रतिमा लें। इससे धन, संपत्ति आपके घर में विराजमान होंगी।
  • प्रयास करें कि बप्पा का पेट ज्यादा से ज्यादा बाहर निकला हुआ हो। उनका पेट जितना अधिक बाहर होगा, उतना अधिक आपको फल प्राप्त होगा।
  • गणपति बप्पा की प्रतिमा लेते हुए ध्यान रखें कि उनका एक हाथ आशिर्वाद देने की मुद्रा में हो। साथ ही उनके दुसरे हाथ में लड्डू और तीसरे हाथ में दंत हो।
  • स्थापित किए जाने वाले गणपति का बाईं ओर मुड़ा सूंड चंद्रमा के प्रभाव का प्रतिक होता है। इससे आपके घर में श्री, लक्ष्मी, आनंद, सुख-समृद्धि, यश व ऐश्वर्य की वृद्धि होगी।
  • दाईं ओर मुड़े सूंड वाले गणपति की स्थापना घर में करने से बचें. इनमें सूर्य का प्रभाव होता हैं। ऐसे गणपति की पूजा अधिकतर मंदिरों में की जाती ह, क्योंकि उनकी पूजन में जरा सी भी गलती मुसीबत बन सकती है।
  • अगर आप वास्तु दोष निवारण के लिए वास्तु गणपति को अपने घर में विराजमान करते हैं तो उनकी सूंड दाईं ओर होनी चाहिए।

 

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