नई दिल्ली।Shanishchari Amavasya: हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है। नवग्रहों में शनि सबसे क्रूर ग्रह माने गए हैं। ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों पर शनि देव कृपा करते हैं, उन्हें राज सुख की प्राप्ति होती है। वहीं, अगर किसी व्यक्ति पर शनिदेव अपनी वक्र दृष्टि डालते हैं तो उस व्यक्ति का जीवन तबाह हो जाता है। ऐसे लोगों के जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं। ऐसे में सभी लोग अपने कर्मों को सुधारने और शनि देव को प्रसन्न करने की भरपूर कोशिश करते हैं। अगर आप पर भी शनि दोष, साढ़ेसाती या शनि की ढैय्या है तो आप शनिश्चरी अमावस्या पर खास उपाय करके इन समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं।
Shanishchari Amavasya: इस बार भाद्रपद अमावस्या 26 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से शुरू हो रही है। यह शनिश्चरी अमावस्या 27 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 46 मिनट पर खत्म हो जाएगी। इस बार शनिश्चरी अमावस्या पर शिव योग भी बन रहा है। 27 अगस्त को सुबह से लेकर अगले दिन 28 अगस्त को सुबह 02:07 तक यह योग बना रहेगा।
Shanishchari Amavasya: सनातन धर्म के विद्वानों के अनुसार, जिस महीने अमावस्या वाले दिन शनिवार पड़ जाता है, उसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। इस बार इस बार भाद्रपद माह की शनिश्चरी अमावस्या है। मान्यता है कि इस दिन दान करने और पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए उनका पूजन करना भी शुभ माना जाता है।
Shanishchari Amavasya: शनिश्चरी अमावस्या वाले दिन आप सुबह स्नान करके शनि मंदिर में जाएं और वहां पर शनि देव के दर्शन करके उनका आशीर्वाद ग्रहण करें। आप मंदिर में बैठकर शनि चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
Shanishchari Amavasya: अगर आप पर शनि दोष या साढ़े साती चल चल रही है तो आप इस शनिश्चरी अमावस्या पर शनि देव के मंदिर में जाकर उनकी पूजा जरूर करें। इसके बाद जरूरतमंद व्यक्तियों को स्टील के बर्तन, काले तिल, काली उड़द, लोहा और शनि चालीसा दान करें। ऐसा करने से जातक पर से शनि की ढैय्या दूर हो जाती है।
Shanishchari Amavasya: इस बार भाद्रपद अमावस्या पर आप सरसो के तेल से शनि देव की प्रतिमा का अभिषेक करें। इसके बाद उन्हें धूपबत्ती, दूप, काला तिल और गंध जैसी चीजें अर्पित करें। इसके साथ ही शनि देव की नाराजगी दूर करने के लिए आप शनिश्चरी अमावस्या पर शनि रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।