nirjala ekadashi upay: गंगा दशहरा का पर्व 30 मई दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। हर वर्ष यह पर्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से 10 तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही गंगा दशहरा पर सिद्धि योग, रवि योग और धन योग जैसे महायोग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है।
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कारोबार व व्यापार में आर्थिक परेशानी हो रही है या फिर नया कार्य शुरू नहीं कर पा रहे हैं तो गंगा दशहरा के दिन एक साफ कागज पर गंगा स्त्रोत लिखें और उस कागज को पीपल की पूजा करने के बाद पेड़ के नीचे गाड़ दें। ऐसा करने से कारोबार व व्यापार में आर्थिक उन्नति होगी और आपको धीरे धीरे सकारात्मक नतीजे देखने को मिलेंगे।
आर्थिक समस्याएं बनी रहती हैं और लाख मेहनत के बाद भी काम नहीं बन पा रहे हैं तो गंगा दशहरा के दिन एक घर से दूर अनार का पेड़ लगाएं। इसके साथ ही मिट्टी के घड़े में जल भरकर उसमें गंगाजल डाल लें और उसको ढक कर दक्षिण दिशा की तरफ रख दें। कुछ देर बाद घड़े को किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दे दें।
गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करें और अगर जाना संभव नहीं है तो नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर स्नान करें। साथ ही शिवलिंग का अभिषेक भी गंगाजल से करें और सूर्य को तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें गंगाजल और कुमकुम डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। ऐसा करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और करियर में तरक्की के योग बनना शुरू हो जाते हैं।
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nirjala ekadashi upay: गंगा दशहरा के दिन पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करें। इसके बाद सुबह के समय ही अपनी लंबाई के बराबर काला धागा लें और उसको एक नारियल पर लपेट लें। फिर गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करके नारियल को उनके पास रख दें। शाम के समय नारियल को शिवलिंग से उठाकर बहते जल में प्रवाहित करें। ध्यान रहे कि प्रवाहित करने के बाद पीछे मुड़कर ना देखें।