Divya Bhakti Geet : जब बहुत सारे लोग मिलकर एक ही मंत्र या पंक्ति का बार-बार उच्चारण करते हैं तो ब्रह्मांड में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा पैदा होती है। मन को शांत करने में मदद कर सकता है ताकि हृदय दिव्यता के लिए खुल सके, जिससे हम उस आनंदमय वास्तविकता का स्वाद ले सकें जो हमारा सच्चा स्वभाव है। भजन और कीर्तन में अपार शक्ति होती है, जब प्रेम और भक्ति में डूबा इंसान प्रभु का भजन या कीर्तन करता है तो परमेश्वर भी धरती पर आने को विवश हो जाते हैं।
Divya Bhakti Geet : आईये यहाँ सुनें और पढ़ें मैय्या का दिव्या भक्ति गीत
तेरी छाया मे, तेरे चरणों मे,
मगन हो बैठूं, तेरे भक्तो मे ॥
तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है,
जिंदगी मिलती है रोतों को हँसी मिलती है ॥
Divya Bhakti Geet
इक अजब सी मस्ती तन मन पे छाती है,
हर इक जुबां तेरे ओ मैया गीत गाती है,
बजते सितारों से मीठी पुकारो से,
गूंजे जहाँ सारा तेरे ऊँचे जयकारो से,
मस्ती मे झूमे तेरा दर चूमे,
तेरे चारो तरफ दुनिया ये घुमे,
ऐसी मस्ती भी भला क्या कहीं मिलती है,
तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है ॥
Divya Bhakti Geet
मेरी शेरों वाली माँ तेरी हर बात अच्छी है,
करनी की पूरी है माता मेरी सच्ची है,
सुख-दुख बँटाती है अपना बनाती है,
मुश्किल मे बच्चे को माँ ही काम आती है,
रक्षा करती है भक्त अपने की,
बात सच्ची करती उनके सपनो की,
सारी दुनिया की दौलत यही मिलती है,
तेरे दर बार मे मैया खुशी मिलती है ॥
Divya Bhakti Geet
रोता हुआ आये जो हँसता हुआ जाता है,
मन की मुरादो को वो पाता हुआ जाता है,
किस्मत के मारो को रोगी बीमारों को,
करदे भला चंगा मेरी माँ अपने दुलारौ को,
पाप कट जाये चरण छूने से,
महकती है दुनिया माँ धुने से,
फिर तो माँ ऐसी कभी क्या कहीं मिलती है,
तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है ॥
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