बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री क्या गोडसे को मानते है? महात्मा गांधी की अहिंसा परमो धर्म: को लेकर कही ये बड़ी बात..

गांधी जी की जो अहिंसा थी उस पर क्या कहते हैं आप? आप नाथूराम गोडसे को नहीं मानते? Dhirendra Shastri Nathuram Godse ko mante hai?

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  • Publish Date - January 24, 2023 / 08:12 PM IST,
    Updated On - January 24, 2023 / 09:52 PM IST

रायपुर: Dhirendra Shastri Nathuram Godse ko mante hai? बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का प्रवचन का सोमवार यानि 24 जनवरी 2023 आखिरी दिन था। 7 दिनों तक चले प्रवचन के दौरान उन्होंने अपने दिव्य दरबार से कई लोगों की समस्याओं का समाधान किया, तो वहीं बिलासपुर में सुल्ताना का उन्होंने घर वापसी कराया। सुल्ताना का सनातन धर्म में आने के बाद सुभी नामकरण किया गया है। लेकिन इन सब के बीच पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर कई आरोप भी लग रहे हैं। इन आरोपों को लेकर IBC24 के मैनेजिंग एडिटर परिवेश वात्स्यायन ने सीधा सवाल धीरेंद्र शास्त्री से किया, जिसका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया।

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Dhirendra Shastri Nathuram Godse ko mante hai? मैनेजिंग एडिटर परिवेश वात्स्यायन ने धीरेंद्र शास्त्री से चमत्कार, चैलेंज और उन पर लग रहे आरोपों को लेकर सवाल पूछे, जिसका उन्होंने जवाब दिया। धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी निजी जिंदगी, कंट्रोवर्सी, चमत्कार सहित सभी पहलुओं पर जवाब दिया।

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साक्षात्कार के दौरान मैनेजिंग एडिटर परिवेश वात्स्यायन ने पूछा कि लोग कहते हैं कि संत शांत होते हैं, लेकिन आपको गद्दी से भी गुस्सा आ जाता है? गांधी जी की जो अहिंसा थी उस पर क्या कहते हैं आप? आप नाथूराम गोडसे को नहीं मानते?

धीरेंद्र शास्त्री ने जवाब देते हुए कहा कि संत को शस्त्र और शास्त्र दोनों की बात करना चाहिए और साधू ऐसा ही होना चाहिए। भारत के कुछ विधर्मी लोगों ने केवल अहिंसा परमो धर्म: पढ़ा रखा है। लेकिन हमने आगे का चेप्टर पढ़ा है “”अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तथैव च:!” धर्म के लिए हिंसा करना भी धर्म है। गांधी जी की जो अहिंसा थी उसके पजारी हैं, उसके उपासक हैं, उनको मानने वाले हैं। हम महात्मा गांधी को मानते हैं, अहिंसा की बात करते हैं।

वहीं, उन्होंने ​नाथूराम गोडसे को मानने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि धर्म के लिए हिंसा करने पर उन्हें मानते हैं। अगर धर्म को कोई प्राथमिकता दे रहा है तो हम कहते हैं शस्त्र और शास्त्र दोनों को मानते हैं। बाकि हम किसी के व्यक्तिगत रूप से पक्षधर नहीं रहेंगे, न किसी के विरोधी हैं। न हम महात्मा गांधी के विरोधी हैं न महात्मा गांधी के।

 

 

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