Karwa Chauth puja vidhi : कार्तिक महीने का विशेष महत्व है। इस महीने में करवा चौथ, छठ, दिवाली, भाई दूज, देवउठनी एकादशी, तुलसी विवाह समेत कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें करवा चौथ कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अखंड सुहाग के लिए व्रत रखती हैं।
वर्तमान समय में अविवाहित लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस व्रत के पुण्य प्रताप से विवाहित महिलाओं को अखंड सुहाग का वरदान प्राप्त होता है। वहीं, अविवहित लड़कियों की शीघ्र शादी हो जाती है। साथ ही मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इस वर्ष 31 अक्टूबर को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आरंभ: 31 अक्टूबर, मंगलवार, रात्रि 09:30 मिनट से कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त:1 नवंबर, बुधवार, रात्रि 09:19 मिनट पर। करवा चौथ व्रत उदयातिथि से मान्य होता है इसलिए इस साल करवा चौथ 1 नवंबर 2023, बुधवार को मनाया जाएगा
करवा चौथ व्रत का समय- सुबह 06 बजकर 36 मिनट से रात 08 बजकर 26 मिनट तक
करवा चौथ पूजा मुहूर्त- शाम 05 बजकर 44 मिनट से शाम 07 बजकर 02 मिनट तक
चंद्रोदय का समय- रात्रि 08 बजकर 26 मिनट तक
Karwa Chauth puja vidhi : करवा चौथ के दिन महिलाएं सूर्याेदय से पहले जागकर सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं। उसके बाद महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को स्त्रियां दुल्हन की तरह 16 श्रृंगार कर तैयार होती हैं और पूजा करती है। उसके बाद शाम को छलनी से चांद देखकर और पति की आरती उतारकर अपना व्रत खोलती हैं। मान्यता है कि माता पार्वती ने शिव के लिए, द्रौपदी ने पांडवों के लिए करवा चौथ का व्रत किया था। करवा चौथ व्रत के प्रताप स्त्रियों को अखंड सौभाग्यवती रहने के वरदान मिलता है। करवा माता उनके सुहाग की सदा रक्षा करती हैं और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।