नई दिल्ली : Chaturmas 2023 : हिंदू पंचाग के अनुसार देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू होता है, जो कि देवउठनी एकादशी के दिन खत्म होता है। चातुर्मास के दौरान संसार के संचालक भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं, जिससे सारे शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। इस साल देवशयनी एकादशी 29 जून को है। इस दिन से भगवान विष्णु पूरे 5 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे और 23 नवंबर 2023 को देवउठनी एकादशी के दिन जागेंगे। इसके बाद तुलसी विवाह होगा और फिर शुभ कार्य शुरू होंगे।
Chaturmas 2023 : सावन महीने में अधिकमास पड़ने के कारण साल 2023 में चातुर्मास 4 महीने की बजाय 5 महीने का होगा। इस तरह सावन महीना 2 माह का होगा और सावन सोमवार भी 8 होंगे। इस कारण शादी, मुंडन, गृहप्रवेश, नया काम शुरू करने के लिए लोगों को 4 महीने की बजाय 5 महीनों का इंतजार करना होगा। साथ ही लोगों को भोलेनाथ की भक्ति करने और उनकी कृपा पाने के लिए सावन के 59 दिन मिलेंगे।
हिंदू धर्म के अलावा जैन धर्म के लोगों के लिए भी चातुर्मास बहुत अहम होता है। इस दौरान जैन संत एक स्थान पर ही रहकर भगवान की भक्ति करते हैं। साथ ही चातुर्मास के सावन के पवित्र महीने के अलावा रक्षाबंधन, नागपंचमी, गणेशोत्सव, पितृ पक्ष, नवरात्रि, दशहरा जैसे कई बड़े पर्व-त्योहार मनाए जाते हैं।
Chaturmas 2023 : – चातुर्मास के दौरान ज्यादा से ज्यादा समय भगवान की भक्ति में लगाना चाहिए।
– चातुर्मास में लहसुन, प्याज, नॉनवेज, शराब जैसी तामसिक चीजों का सेवन ना करें।
– धर्म-शास्त्रों के अनुसार चातुर्मास में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और जमीन पर सोना चाहिए।
– चातुर्मास में दही, शहद, मूली, बैंगन और पत्ते वाली सब्जियां नहीं खाना चाहिए, इससे सेहत पर बुरा असर पड़ता है।