Chandra Darshan 2022 : Chanting of these mantras on the last moon sighting of the year will rain rain, know time, date, worship and benefits
नई दिल्ली। Chandra Darshan 2022 : हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के साथ-साथ सूर्य और चंद्रमां की पूजा का भी विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार हर महीने अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन चंद्र दर्शन को शुभ और पुण्य फलदायी माना गया है। माना जाता है कि अमावस्या के बाद के चंद्र दर्शन बेहद शुभ होता है।
बता दें कि पौष मास की अमावस्या 23 दिसंबर 2022 को है। पौष अमावस्या के अगले दिन यानी 24 दिसंबर को चंद्र दर्शन करना शुभ होगा। यह साल का अंतिम चंद्र दर्शन होगा। इस दिन चंद्रोदय का समय शाम 05:30-06:22 बजे तक है। इस दिन अगर आप इन विधियों और मंत्रो द्वारा चंद्र दर्शन करते है तो ये आपके लिए शुभ और पुण्य फलदायी होगा।
जीवन में एक बार जरूर करें इस चीज का दान, सूर्य की तरह चमकने लगेगा किस्मत
Chandra Darshan 2022 : पौष शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन स्नानादि कर साफ कपड़े पहनने चाहिए। शाम में चंद्रोदय होने पर विधिवत पूजा करें। सबसे पहले चंद्रमा को जल से अर्घ्य दें और फिर चंद्रमा को रोली, फूल अर्पित कर धूप-दीप जलाएं। इस दिन चंद्र देव को खीर का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
Chandra Darshan 2022 : चंद्र देव वैदिक मंत्र
ॐ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं।
महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय इमममुध्य पुत्रममुध्यै
पुत्रमस्यै विश वोsमी राज: सोमोsस्माकं ब्राह्माणाना ग्वं राजा।
Chandra Darshan 2022 : चंद्र देव का बीज मंत्र
ऊॅँ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्राय नम:
Chandra Darshan 2022 : चंद्र देव मंत्र
ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:।
चन्द्रमा नाम मंत्र – ॐ सों सोमाय नम:।
चंद्रमा गायत्री मंत्र – ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्।
चंद्रमा पौराणिक मंत्र- दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम। नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
इस अंग से प्रभावित होकर 48 साल बड़े शख्स को दिल दे बैठी 23 साल की लड़की! अब सता रही ये चिंता
Chandra Darshan 2022 : शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि अमावस्या के बाद चंद्र दर्शन करने से शुभ और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे लोग जिनकी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति प्रतिकूल होती है उन्हें शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन यानी अमावस्या के अगले दिन चंद्र दर्शन जरूर करना चाहिए। इससे जातक को चंद्र ग्रह से शुभ फल मिलने लगते हैं। इसके साथ ही चंद्रमा की पूजा भी करनी चाहिए। चंद्रमा की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है। इसलिए ऐसे व्यक्ति जिनका मन अशांत रहता हो ,उन्हें भी इस दिन चंद्र दर्शन और पूजन करने से लाभ होता है।
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें