Chanadr and Sury grahan 2023 : नई दिल्ली। हिंदू धर्म में ग्रहण का बड़ा महत्व है। आकाश में सूरज, चांद और धरती की विशेष स्थिति से ग्रहण होता है। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता और इसी लिए ग्रहण के समय लोग अपने अपने कामों को रोक देते हैं। इस साल ग्रहण कब होंगे इसको लेकर लोगों के मन में काफी उत्सुकता है। पिछले साल की तरह इस साल भी 4 ग्रहण लगने जा रहे हैं। इनमें से 2 सूर्य ग्रहण हैं जबकि 2 चंद्र ग्रहण होंगे।
read more : पुल के खंभे से टकराकर गहरी खाई में जा गिरी बस, वाहन के उड़े परखच्चे, 39 यात्रियों की मौत
Chanadr and Sury grahan 2023 : साल 2023 का पहला ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा, लेकिन वो भारत में नहीं दिखाई देगा। दूसरा, उपच्छाया चंद्र ग्रहण रहेगा। जो कि बुद्ध पूर्णिमा पर लगेगा और भारत में भी दिखाई देगा। तीसरा ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण रहेगा। यह भी भारत में नहीं दिखेगा। साल का आखिरी और चौथा ग्रहण आंशिक चंद्र ग्रहण होगा जो कि शरद पूर्णिमा पर लगेगा और भारत में भी दिखेगा। इस प्रकार से देखा जाये तो केवल दोनों चंद्र ग्रहण ही भारत में दिखाई देगा। आइये जानें चारों ग्रहण कब-कब लगने जा रहें हैं?
पहला ग्रहण: 20 अप्रैल 2023 को इस साल पहला ग्रहण लगेगा. यह सूर्य ग्रहण होगा। पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण सुबह 7.04 बजे से दोपहर 12.29 मिनट तक रहेगा।
दूसरा ग्रहण: 5 मई 2023 दिन शुक्रवार को साल का दूसरा ग्रहण पड़ेगा। यह चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा।
तीसरा ग्रहण: इस साल का तीसरा ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा। तीसरा ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को शनिवार के दिन लगेगा
चौथा ग्रहण: साल 2023 का चौथा और आखिरी ग्रहण चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण 29 अक्टूबर को लगेगा। इसका समय रात में 01.06 बजे से 02.22 बजे तक होगा। यह ग्रहण भी भारत में दिखाई देगा।
read more : उमा भारती के शराबबंदी मुद्दे पर सीएम शिवराज ने दिया बड़ा बयान, जानें क्या कहा
Chanadr and Sury grahan 2023 : ग्रहण का सूतक काल: हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार ग्रहण के सूतक काल का बड़ा महत्व होता है। इसलिए इस दौरान कुछ भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। लेकिन, 2023 में लगने वाले दोनों सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देंगे इसलिए इसका सूतक काल भी भार में मान्य नहीं होगा। जबकि वहीं दूसरी तरफ चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देंगे इसलिए इसका सूतक काल मान्य होगा।
मेघ विश्वासघात, वृष हानि, मिथुन सफलता, कर्क लाभ, सिंह अपव्यय, कन्या मित्र कष्ट, तुला व्यर्थ तनाव, वृश्चिक मित्र मिलन, धनु भय, मकर हानि, कुंभ संतान सुख, मीन असफलता।