Chaitra Navratri 2022: मनचाहा फल पाने आज इस विधि से करें मां कुष्मांडा की पूजा, जानें विशेष मंत्र

Chaitra Navratri 2022 fourth day : अचंचल मन से कुष्माण्डा देवी के स्वरूप को ध्यान में रखकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए

Chaitra Navratri 2022: मनचाहा फल पाने आज इस विधि से करें मां कुष्मांडा की पूजा, जानें विशेष मंत्र
Modified Date: November 29, 2022 / 08:59 pm IST
Published Date: April 5, 2022 7:40 am IST

धर्म। Chaitra Navratri 2022 fourth day  : शक्ति की भक्ति के महापर्व नवरात्रि का आज चौथा दिन है। नवरात्र-पूजन के चौथे दिन कुष्माण्डा देवी के स्वरूप की उपासना की जाती है। आज का दिन माता कुष्मांडा को समर्पित होता है। इस दिन साधक का मन ‘अदाहत’ चक्र में अवस्थित होता है। इस दिन उसे अत्यंत पवित्र और अचंचल मन से कुष्माण्डा देवी के स्वरूप को ध्यान में रखकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, तब मां कुष्मांडा ने ही ब्रह्मांड की रचना की थी। ये ही सृष्टि की आदि-स्वरूपा, आदिशक्ति हैं। इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में है। इनके तेज और प्रकाश से दसों दिशाएँ प्रकाशित हो रही हैं।

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Chaitra Navratri 2022 fourth day  : ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में अवस्थित तेज इन्हीं की छाया है। माँ की आठ भुजाएँ हैं।इसलिए इन्हें अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है । इनके हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र और गदा औऱ जपमाला है।

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इनका वाहन सिंह है। माँ कूष्माण्डा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त पूरे मन से, और सात्विक भाव से माता की उपासना करता है, उसे मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

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विशेष मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु कुष्मांडा रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।


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