Bhajan : भजन करना यानी केवल प्रभु की भक्ति करना नहीं है, भजन करना यानी सिर्फ़ नाम जपना नहीं है, बल्कि इसका सही अर्थ सभी प्राणियों के प्रति उदारता तथा करुणा रखते हुए सेवा करने से है। भजन सुनने से आत्मा की शुद्धी होती है, अच्छे कर्म करने की प्रेरणा मिलती है, अच्छे लोगों का संग मिलता है, कुसंग से बच जाते है, मन में ख़ुशी व् संतुष्टि आती है, परमात्मा के साथ का अनुभव होता है।
Bhajan : आईये यहाँ हम सुनें और पढ़ें दिल को छू जाने वाला ये भजन
भरोसा कर तू ईश्वर पर,
तुझे धोखा नहीं होगा ।
यह जीवन बीत जायेगा,
तुझे रोना नहीं होगा ॥
Bhajan
कभी सुख है कभी दुख है,
यह जीवन धूप-छाया है ।
हँसी में ही बिता डालो,
बिताना ही यह माया है ॥
Bhajan
जो सुख आवे तो हंस लेना,
जो दुःख आवे तो सह लेना ।
न कहना कुछ कभी जग से,
प्रभु से ही तू कह लेना ॥
Bhajan
यह कुछ भी तो नहीं जग में,
तेरे बस कर्म की माया ।
तू खुद ही धूप में बैठा,
लखे निज रूप की छाया ॥
Bhajan
कहां पे था, कहां तू था,
कभी तो सोच ए बन्दे !
झुकाकर शीश को कह दे,
प्रभु वन्दे ! प्रभु वन्दे ॥
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