Basant Panchami snaan parv at Sangam in Magh Mela: हर साल माघ महीने में बसंत पंचमी मनायी जाती है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। इस साल बसंत पंचमी का त्योहार 26 जनवरी को मनाया जा रहा है। संगम की रेती पर लगे माघ मेले का बसंत पंचमी प्रमुख स्नान पर्व है। इस मौके पर ब्रह्म मुहूर्त से श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। बसंत पंचमी स्नान पर्व पर संगम स्नान का विशेष महत्व माना गया है।
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बसंत पंचमी माघ मेले का चौथा प्रमुख स्नान है। मान्यता है कि इस दिन त्रिवेणी संगम में पीला वस्त्र धारण कर स्नान-दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। लिहाजा जो भी श्रद्धालु माघ मास के बसंत पंचमी पर्व पर संगम में डुबकी लगाते हैं, उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी। इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन त्रिवेणी में स्नान करना बेहद फलदायी माना जाता है। गुरुवाक के दिन बसंत पंचमी का पर्व पड़ने से इसका महत्व कई गुना अधिक बढ़ गया है।
बसंत पंचमी के पर्व पर मेला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंद इंतजाम किए हैं। मेला क्षेत्र में इस बार 17 अलग-अलग घाटों पर श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे। घाटों पर सुरक्षा को लेकर जल पुलिस के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है।
Basant Panchami snaan parv at Sangam in Magh Mela: ऐसी मान्यता है कि आज के दिन मां सरस्वती की आराधना करने से साधकों की साधना पूरी होती है। वहीं, विद्यार्थियों को मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उन्हें ज्ञान के साथ सफलता की प्राप्ति होती है। बसंत पंचमी के मौके पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु संगम तट पर पहुंच रहे हैं। इस स्नान पर्व पर एक करोड़ से ज्यादा भक्तों के आने की संभावना जताई जा रही है।