अक्षय तृतीया आज, बन रहा दुर्लभ संयोग, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

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  • Publish Date - April 22, 2023 / 06:40 AM IST,
    Updated On - April 22, 2023 / 06:40 AM IST

नई दिल्ली । Money will rain on Akshaya Tritiya आज पूरे देश में धूमधाम से अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जा रहा है। आज का दिन मांगलिक या शुभ काम करने के लिए सबसे अच्छी तिथि मानी जाती है। अक्षय तृतीया को किए गए मांगलिक कार्यों का फल पूरे जीवन भर साथ रहता है, उसमें कभी कोई कमी नहीं होती है। उस फल से आपके अगले जन्म का भाग्य भी तय होता है। अक्षय तृतीया की कथा में इसका वर्णन मिलता है। अक्षय तृतीया का अर्थ है- वह तृतीया तिथि, जिसका कभी क्षय न हो।

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 भविष्य पुराण के अनुसार सतयुग, त्रेता और कलयुग का आरंभ अक्षय तृतीया तिथि को हुआ और द्वापर युग की समाप्ति भी इसी तिथि को हुई थी। सतयुग में भगवान विष्णु ने मत्स्य, हयग्रीव, कूर्म, वाराह और नृसिंह अवतार लिया था, वहीं अधर्म पर धर्म की जीत पाने के लिए त्रैतायुग में भगवान विष्णु ने वामन, परशुराम और भगवान श्रीराम के रूप में अवतार लिया। ऐसे में अक्षय तृतीया के दिन श्रीहरि के परशुराम अवतार की उपासना करने वालों को कभी पितरों का आशीर्वाद मिलता है और इस दिन प्राप्त आशीर्वाद बेहद तीव्र फलदायक माने जाते हैं।

बन रहा शुभ संयोग

Money will rain on Akshaya Tritiya आज मेष राशि में चतुग्रही का महासंयोग बन रहा है। इसके अलावा शुक्र ग्रह अपनी स्वराशि वृषभ में और उच्च का चंद्रमा। स्वगृही शनि कुंभ राशि में होने से अत्यंत शुभ स्थिति बन रही है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन जल से भरे कलश पर फल रखकर दान करने से शुभता की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।

अक्षय तृतीया 22 अप्रैल 2023 दिन शनिवार

अक्षय तृतीया पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 07:49 से दोपहर 12:20 तक है. पूजा की कुल अवधि 4 घंटे 31 मिनट होगी।
तृतीया तिथि प्रारम्भ- 22 अप्रैल 2023 सुबह 07:49 बजे से
तृतीया तिथि समाप्त- 23 अप्रैल 2023 सुबह 07:47 तक

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अक्षय तृतीया पूजा विधि

अक्षय तृतीया के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठे।
इस दिन सुबह उठने के बाद स्नान करें।
स्नान करने के बाद साफ वस्त्र पहने।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
सभी देवी देवताओं का गंगाजल से अभिषेक करें,
अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें।

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