नई दिल्ली। वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं उनका भविष्य में अच्छा शुभफल मिलता है। इसी वजह से इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। यूं तो साल में सभी महीनों के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुभ कही जाती है लेकिन वैशाख की तृतीया तिथि स्वंयसिद्ध मुहूर्तो में अति शुभ तिथि कही गई है। इस साल 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा।
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शुभ मुहूर्त और महत्व
मान्यता के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन लोग बिना किसी पंचांग देखे कोई भी शुभ मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि का आयोजन कर सकते हैं। इसके साथ ही घर-जमीन और वाहन की खरीदारी से संबंधित कार्य भी किए जा सकते हैं।
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इस दिन नए कपड़ों, आभूषण वगैराह धारण करने और नई संस्था या समाज की स्थापना अथवा अद्घाटन करना काफी ज्यादा शुभ बताया गया है। मुहूर्त की बात करें तो शास्त्रों के अनुसार, इस दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
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हिंदू पुराणों में लिखा है कि इस दिन पितरों को किया गया तर्पण या किसी दूसरे तरह का दान अक्षय फल प्रदान करता है। इस दिन गंगा स्नान करने से भगवत पूजन से सारे पाप मिट जाते हैं। इसके साथ ही इस दिन अगर जप, तप, हवन, स्वाध्याय और दान भी अक्षय हो जाता है। अगर यह तिथि रोहिणी नक्षत्र में आए तो इस दिन किए गए इन सभी कार्यों का फल काफी बढ़ जाता है।