Aghan Guruwar 2024: हिंदू धर्म में तीज त्योहारों का विशेष महत्व होता है। वहीं सप्ताह का हर दिन प्रत्येक देवी-देवता को समर्पित होता है। पवित्र कार्तिक मास की समाप्ती के साथ मार्गशीर्ष यानी अगहन महीना शुरु हो गया है। इस माह के गुरुवार को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसे अगहन के गुरुवार कहा जाता है। अगहन माह में हर गुरुवार को महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। ऐसे करने वाले जातकों को कभी धन संकट नहीं होता है। साथ ही सुख-समृद्धि बनी रहती है।
मान्यता है कि अगहन माह में महालक्ष्मी को विधिवत आमंत्रित कर पूजा-अर्चना करने से मां लक्ष्मी उस घर में निवास करतीं हैं। साथ ही, मां लक्ष्मी का पूजन और व्रत करने से परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है। मां को आमंत्रित करने के लिए मुख्य द्वार से लेकर पूजा घर तक चावल के आटे को घोलकर मां लक्ष्मी के पदचिन्ह अंकित करना चाहिए।
बुधवार शाम को मुख्य द्वार के सामने रंगोली बनाई जाती है। घर के मुख्य द्वार से लेकर पूजा स्थल तक चावल के आटे से देवी लक्ष्मी के पैरों के निशान वाले स्वस्तिक और कड़ियां बनाई जाती हैं। इससे घर में मां लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है। पूजा स्थल पर कलश स्थापित करने के बाद देवी लक्ष्मी की मूर्ति को केले के पत्ते, आंवला और आम के पत्तों से सजाकर स्थापित किया जाता है।
पहला गुरुवार – अगहन कृष्ण षष्ठी, 21 नवंबर
दूसरा गुरुवार – अगहन कृष्ण त्रयोदशी, 28 नवंबर
तीसरा गुरुवार – अगहन शुक्ल चतुर्थी, 5 दिसंबर
चौथा गुरुवार – अगहन शुक्ल द्वादशी, 12 दिसंबर