धर्म। कोरोना संकट के बीच आज ब्रह्ममुहूर्त में बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल गए। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब कपाट खुलते वक्त धाम में श्रद्धालु मौजूद नहीं थे। इससे पहले बद्रीनाथ मंदिर को फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया। वहीं पूरे विधि-विधान के साथ सुबह 4.30 बजे मंदिर के कपाट खोल दिए गए।
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इस दौरान बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी, धर्माधिकारी, अपर धर्माधिकारी व अन्य पूजा स्थलों से जुड़े 11 लोग ही शामिल हुए। वहीं धाम में कुल 28 लोग मौजूद थे। वहीं पूजा के दौरान मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। पूजा से पहले पूरे मंदिर परिसर को सैनिटाइज किया गया था। कपाट खुलने से पूर्व गर्भ गृह से माता लक्ष्मी को लक्ष्मी मंदिर में स्थापित किया गया और कुबेर जी व उद्धव जी की चल विग्रह मूर्ति को गर्भ गृह में स्थापित किया गया।
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बद्रीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा का विधिवत आरंभ हो गया है जिसे इस भू-लोक का आठवां बैकुंठ धाम भी कहा जाता है, जहां भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। बताते चले कि इससे पहले बाबा केदरनाथ मंदिर के कपाट खोले थे। कोरोना संकट काल में सरकार की तरफ से अनुमति मिलने के बाद मंदिर के कपाट खोले गए। हालांकि दोनों धाम में भक्तों की उपस्थिति नहीं होने से बाबा के जयघोष के नारे गायब रहे।
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