Shri Ram Mandir Invitation: “जिसे राम बुलाएँगे सिर्फ वही आएंगे”.. आमंत्रण के बावजूद नहीं आने वालों को BJP की दो टूक..

गौरतलब है कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है। इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए तैयारी की जा रही है। वीवीआईपी लोगों को आमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं।

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  • Publish Date - December 26, 2023 / 02:06 PM IST,
    Updated On - December 26, 2023 / 02:11 PM IST

नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए भेजे गए आमंत्रण के बावजूद कार्यक्रम से किनारा करने वाले पार्टी और लोगों को भाजपा ने दो टूक कहा है कि जिन्हें राम का बुलावा होगा वही पहुंचेगा। भाजपा की तरफ से नेत्री मीनाक्षी लेखी सीपीआई नेत्री वृंदा करात के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रही थी। न्यूज एजेंसी एएनआई के सवाल पर मीनाक्षी लेखी ने रामचरितमानस के श्लोक याद करते हुए कहा ‘होई वही जो राम रचि राखा’

सीपीआई ने कर लिया है किनारा

इस भव्य कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर वामपंथी दल की नेता वृंदा करात ने पार्टी का स्टैंड क्लीयर किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी अयोध्या में राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में शामिल नहीं होगी। वह धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हैं लेकिन वे एक धार्मिक कार्यक्रम को राजनीति से जोड़ रहे हैं। एक धार्मिक कार्यक्रम का यह राजनीतिकरण है। यह सही नहीं है।

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सीताराम येचुरी ने भी बताया धर्म का राजनीतिकरण

श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण और इस समारोह में शामिल होने के सवाल पर सीपीआई के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी अपनी प्रतिक्रया दी है। उन्होंने कहा है “मैंने अभी तक किसी को कुछ नहीं बताया है। नृपेंद्र मिश्रा के साथ वीएचपी नेता भी आए थे और उन्होंने मुझे निमंत्रण दिया। धर्म हर व्यक्ति की निजी पसंद है। हम हर व्यक्ति के अपने धर्म को चुनने के अधिकार का सम्मान करते हैं और उसकी रक्षा करते हैं।” आस्था का विशेष रूप। जहां तक भारतीय संविधान और सर्वोच्च न्यायालय का सवाल है, उन्होंने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि राज्य किसी विशेष धर्म को नहीं मानेगा या कोई धार्मिक संबद्धता नहीं रखेगा। इस उद्घाटन समारोह में जो हो रहा है वह यह है कि प्रधान मंत्री, यूपी के सीएम और संवैधानिक पदों पर बैठे अन्य लोगों के साथ एक राज्य-प्रायोजित कार्यक्रम में परिवर्तित कर दिया गया है। यह सीधे तौर पर लोगों की धार्मिक आस्था का राजनीतिकरण है जो संविधान के अनुरूप नहीं है। इसलिए, इन परिस्थितियों में, मैं कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाने का अफसोस है।”

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गौरतलब है कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है। इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए तैयारी की जा रही है। वीवीआईपी लोगों को आमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं। मंगलवार को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को भी न्योता भेजा गया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी निमंत्रण दिया गया है। हालांकि वह खराब स्वास्थ्य के कारण इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे।

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