नई दिल्ली: भारत के खिलाफ अक्सर गीदड़ भभकी देने वाला आतंकी देश पाकिस्तान भारत में सोमवार को संपन्न हुए भव्य राम मंदिर के लोकार्पण से बुरी तरह चिढ़ गया हैं। वह पहले भी राम मंदिर निर्माण पर अपनी आपत्ति जाहिर करता रहा हैं तो कल हुए समारोह पर पाक के विदेश मंत्रालय ने दो पन्नो का खत जारी किया हैं। इस पत्र ने उन्होंने बाबरी मस्जिद का जिक्र किया। पाकिस्तान इस मामले में भी यूएन से दखल की उम्मीद कर रहा हैं।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के खत में लिखा है “सदियों पुरानी मस्जिद को 6 दिसंबर 1992 को चरमपंथियों की भीड़ ने ढहा दिया. दुर्भाग्य से भारत के शीर्ष न्यायालय ने न सिर्फ़ अपराधियों को रिहा कर दिया बल्कि जिस जगह मस्जिद ढहाई गई, वहां मंदिर निर्माण की भी इजाज़त दे दी. ”
“बीते 31 सालों के घटनाक्रम आज प्राण प्रतिष्ठा तक पहुंचे हैं. ये भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद की ओर इशारा करते हैं. ये भारतीय मुसलमानों को राजनीतिक और सामाजिक तौर पर हाशिए पर डालने की कोशिशों को दिखाते हैं.”
“ढहाई गई मस्जिद के स्थान पर बना राम मंदिर भारत के लोकतंत्र पर लंबे समय तक धब्बे की तरह रहेगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह सहित ऐसे मस्जिद की सूची बढ़ती जा रही है जिनपर ऐसे ही ढहाए जाने का ख़तरा बना हुआ है.”
“भारत में ‘हिंदुत्व’ विचारधारा की तेज़ लहर सांप्रदायिक सौहार्द्र और क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर ख़तरा बन गई है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया, नफ़रती भाषण और हेट क्राइम्स का संज्ञान लेना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र और अन्य संबंधित अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भारत में इस्लामी धरोहर स्थलों को चरमपंथी गुटों से बचाने की कवायद में अपनी भूमिका निभानी चाहिए.”
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Pakistan Condemns Consecration of the ‘Ram Temple’ on the Site of Demolished Babri Mosque
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— Spokesperson 🇵🇰 MoFA (@ForeignOfficePk) January 22, 2024