फैजाबाद: उत्तर प्रदेश के साथ ही केंद्र की मोदी सरकार अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर की सुरक्षा और सनातन सुचिता को लेकर बेहद गंभीर हो चुकी है। यही वजह हैं कि सरकार की तरफ से यहां की सुरक्षा की लगातार समीक्षा की जा रही हैं। (Android phones banned for Ramlala priests) अयोध्या में एनएसजी कमांडो का हब बनाने का निर्णय लिया गया है जो कि इसी रणनीति का हिस्सा है तो वही इसी तरह सुरक्षा से जुड़ा एक और बड़ा फैसला सरकार और राममंदिर ट्रस्ट की तरफ से लिया गया है।
दरअसल अयोध्या में राम मंदिर में काम करने वाले पुजारियों पर मंदिर परिसर में एंड्रॉएड फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। ये फैसला मंदिर की सुरक्षा को मजबूत करने के मद्देनजर लिया गया है। (Android phones banned for Ramlala priests) मंदिर परिसर में पुजारी और सहायक पुजारी को राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से कीपैड मोबाइल उपलब्ध कराया गया है। अब रामलला के श्रृंगार से लेकर भगवान की सेवा और राग भोग में शामिल रहने वाले पुजारी और अर्चक एंड्रॉएड फोन लेकर मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
रामलला के लिए सहायक पुजारी के साथ पांच प्रशिक्षु अर्चक भी शामिल किए जाएंगे। इनमें मुख्य रूप से चार समूह बनाए गए हैं- समूह एक प्रातः 3:30 से दोपहर 1:00 तक भगवान की राग भोग सेवा करेगा। समूह दो दोपहर 1:00 बजे से रात 10:30 बजे तक भगवान की सेवा में मौजूद रहेगा। समूह नंबर तीन कुबेर टीला यज्ञ मंडप में प्रातः 6:00 बजे से 1:00 तक अस्थाई मंदिर में पूजा दर्शन करेगा।
द्वितीय पाली दोपहर 3:30 से रात 10:30 तक भगवान की राग भोग सेवा करेगा रामलला के परिसर में नियमित पाली के पुजारी को ही प्रवेश मिलेगा इसके साथ ही प्रत्येक समूह की चक्रवत परिवर्तन होता रहेगा।