देश के खातिर देसी राखी: महिला गृह उद्योग की राखियों में दिख रही ‘छत्तीसगढ़ की संस्कृति-कला की छाप’

देश के खातिर देसी राखी: महिला गृह उद्योग की राखियों में दिख रही 'छत्तीसगढ़ की संस्कृति-कला की छाप'

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  • Publish Date - July 24, 2020 / 04:15 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

कोरिया। कोरिया जिले के दूरस्थ वनांचल भरतपुर में बिहान योजना से जुड़ी कोरिया महिला गृह उद्योग समूह की महिलाओं द्वारा रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए छत्तीसगढ़ की संस्कृति और कला की छाप लिए राखियां बनाई जा रही हैं। महिला गृह उद्योग से जुड़ी महिलाएं और बहनें मौली धागा, रेशम, कुंदन, उन, चांवल, मोतियों और सजावटी वस्तुओं से बेहद आकर्षक राखियां तैयार कर रही हैं।

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अपनी मेहनत से मनमोहक डिजाइन और स्वरूप वाली राखियां तैयार की जा रही हैं। इन राखियों की लागत कम होने से इनकी कीमत भी बेहद कम है और सबसे खास बात इसमें छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है । महिला गृह उद्योग सहायता समूह की महिलाओं ने राखियां बनाने के लिए कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है बल्कि यूट्यूब में वीडियो देख कर इसे बनाना सीखा है। इन राखियों का विक्रय ग्राम स्तर पर करने के साथ ही जनपद पंचायत में स्टाल भी लगाया जाएगा।

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महिला गृह उद्योग द्वारा राखी के साथ मास्क भी बनाया जा रहा है जो कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम में सहायक होगा। राखी लेने आने वालों को मास्क अनिवार्य रूप से पहनने के लिए आग्रह किया जाएगा। कोरिया जिले के सबसे दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में महिलाओं द्वारा किये जा रहे इस काम की संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव ने भी सराहना की है और लोगों से देसी राखी लेने और बंधवाने की बात कही है।

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