जयपुर: Mahant Balaknath is New CM of Rajasthan? राजस्थान की जनता ने एक बार फिर अपनी परंपरा को बरकरार रखते हुए सरकार पलट दिया है। कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाते हुए जनता ने फिर से भाजपा को बहुमत दिया है। चुनावी परिणाम के अनुसार भाजपा ने राजस्थान की 199 सीटों में से 115 पर कब्जा जमाया है। जबकि कांग्रेस मात्र 69 सीट पर ही सीमट गई है। वहीं, प्रदेश की 15 सीटों पर अन्य दलों ने कब्जा जमाया है। भाजपा की जीत के साथ ही अब कयास लगाए जा रहे हैं कि अब राजस्थान का अगला सीएम कौन होगा? कुछ लोगों का मानना है कि भाजपा वसुंधरा राजे सिंधिया को फिर से कमान सौंप सकती है तो कुछ ने राजस्थान की विद्याधरनगर सीट पर चुनाव लड़ रही बीजेपी सांसद दीया कुमारी को सीएम पद का प्रबल दावेदार माना है। लेकिन इस बीच सोशल मीडिया पर एक अलग ही ट्रेंड करने लगा है और कहा जा रहा है कि इस शख्स को राजस्थान का सीएम बनाया जा सकता है।
Mahant Balaknath is New CM of Rajasthan? राजस्थान में भी अब उत्तर प्रदेश की तरह भगवाधारी को सीएम बनाने की मांग की जा रही है। जी हां बात कर रहे हैं बीजेपी सांसद और महंत बालकनाथ की। कई लोगों का मानना है कि यूपी की तर्ज पर बीजेपी महंत बालकनाथ को राज्य का सीएम बना सकती है।
राजस्थान की विद्याधरनगर सीट पर चुनाव लड़ रही बीजेपी सांसद दीया कुमारी ने बढ़त बना ली है। राजघरान से संबंध रखने वालीं दीया कुमारी को सीएम के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि चुनाव के वक्त सीएम वाले सवाल पर दीया हर वार केवल इतना ही कहती थीं कि ‘पार्टी का जैसा आदेश होगा, वही काम किया जाएगा।’
राजस्थान में बीजेपी से सीएम के लिए एक नाम सांसद किरोड़ी लाल मीणा की भी चल रहा है। किरोडी लाल मीणा जमीन से जुड़े नेता हैं। राजस्थान में गहलोत सरकार के खिलाफ किरोड़ी लाल मीणा लगातार आवाज उठाते रहे थे। इनसे संबंध भी बीजेपी के शीर्ष नेताओं से अच्छे रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को भी राजस्थान के सीएम के तौर पर देखा जा रहा है। जोधपुर लोकसभा से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत की राजस्थान में अच्छी पकड़ है। शेखावत ने खुद चुनाव नहीं लड़ा है। लेकिन माना जा रहा है कि अगर बीजेपी उन्हें सीएम बनाती है तो करणपुर सीट पर होने वाले चुनाव में उन्हें उतारा जा सकता है।
राजस्थान बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में एक नाम पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का भी है। हालांकि चुनाव से पहले पार्टी ने उन्हें साइड लाइन कर रहा था। बाद में वसुंधरा भी चुनाव में एक्टिव नजर आईं।