PM Jan Dhan Yojana किसी ने सोचा नहीं था कि कोई चाय बेचने वाला भी इस देश का प्रधानमंत्री बनेगा। परिवार का राजनीति से कोई नाता नहीं, लेकिन आमजनों के प्रति सेवा भाव ने उन्हें प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचा दिया। जिन्होंने गुजरात जैसे बड़े राज्य में मुख्यमंत्री पद को सुशोभित किया। आज ओ सियासत के जादुगर के नाम से जाने जाते हैं। हम बात कर रहे है स्वतंत्र भारत के 15वें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की। 17 सितंबर 1950 को गुजरात के मेहसाना जिले के छोटे से शहर वडनगर में जन्में नरेंद्र मोदी साल 2014 में देश के 15वें प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। देश की बागडोर संभालते ही पीएम मोदी ने एक के बाद एक कई फैसले लिए, जो देश के नागरिकों बेहतर साबित हुआ। एक समय ऐसा था, जब देश के अधिकांश नागरिकों के पास बैंक खाता नहीं था। केवल उद्योगपति और ऊंची आय वाले लोग ही बैंक के दरवाजे तक पहुंचते थे। लेकिन आज ऐसा कोई नागरिक नहीं है, जिसके पास बैंक खाता न हो। ये सबकुछ हुआ मोदी सरकार की महत्वकांक्षी योजना ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ से। आइए जानते है मोदी सरकार की इस खास योजना के बारे में…
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PM Jan Dhan Yojana मेरा खाता, भाग्य विधाता के नारे से शुरू की गई स्कीम सही मायनों में किसानों, गरीब, पिछड़े, वचिंतों का भाग्य बदलती नजर आ रही है। यही कारण है कि स्कीम शुरू होने के 8 साल बाद भी इसका जलवा पूरी तरह कायम है। जनधन के जरिए से ना सिर्फ गरीब आदमी बैंक खाते खोलकर मेन स्ट्रीम इकनॉमी से जुड़ सीधा जुड़ रहा है बल्कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का फायदा उसको सीधा मिल रहा है। जनधन ने ना सिर्फ देश के गरीब को बैंकिंग सिस्टम से सीधे जोड़ा है बल्कि सोशल सिक्योरिटी भी मुहैया कराई है। फिर चाहे वो डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का फायदा देना हो या फिर सरकार के बड़ी योजनाओं का फायदा पहुंचाना हो, आज इन स्कीमों के जरिए लास्ट मैन कनेक्टिविटी संभव हो पाई है। इन खातों के साथ मिले रुपे कार्ड में 1 लाख रुपये का एक्सिडेंट इंश्योरेंस गरीब, छोटे किसान, पिछड़ों के जीवन में बड़ा बदलाव ला रहा है।
मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरूआत की थी। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2014 को ऐतिहासिक लाल किले से की थी, जिसका शुभारम्भ 28 अगस्त 2014 को पूरे देश में किया गया। प्रधानमंत्री जन-धन योजना का प्रमुख उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को बैंक से जोड़ना है। इस योजना को PMJDY के नाम से भी जाना जाता है। जन धन योजना के जरिए देश के हर परिवार को बैंकिंग, इंश्योरेंस और पेंशन से जुड़ी सेवाओं से जोड़ना है। साल 2018 में योजना को और अधिक व्यापक बनाया गया। साथ ही देश के प्रत्येक वयस्क को बैंकिंग जैसी सेवाओं से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया।
15 अगस्त 2014 से शुरु हुई प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के अंतर्गत खुले बैंक अकाउंट्स की संख्या 44 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। इसमें भी आधे से ज्यादा अकाउंट महिलाओं के नाम खुले हैं। देश के कोने-कोने तक बैंकिंग सुविधाओं को पहुंचाने में जनधन अकाउंट्स का अहम रोल देखा जा रहा है। इन खातों में करीब 172,617.47 करोड़ रुपए बैलेंस है।
प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत देश का हर वो नागगरिक खाता खुलवा सकता है, जो अब तक किसी बैंकिंग सेवा से नहीं जुड़ा है। PMJDY खाता किसी भी बैंक की शाखा में जाकर आसानी से खुलवाया जा सकता है। इसके लिए ऑनलाइन वेबसाइट पर फॉर्म भी उपलब्ध है। 10 साल से अधिक उम्र के नाबालिग बच्चे भी खाता खुलवा सकते हैं। दस्तावेजों की बात करें, तो इसके लिए आपके पास वोटर आईडी, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट या पैन कार्ड होना चाहिए।
– अकाउंट खुलवाने पर कोई चार्ज नहीं देना होता है।
– बैंक में न्यूनतम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं है।
– बैंक अकाउंट में जमा की गई राशि पर ब्याज मिलता है।
– खाताधारक को रुपे डेबिट कार्ड दिया जाता है।
– PMJDY खाताधारक को जारी किए गए रुपे डेबिट कार्ड पर पहले एक लाख रुपये तक का एक्सिडेंट इंश्योरेंस कवर मिलता था, जिसे 28 अगस्त, 2018 में बढ़ाकर 2 लाख रुपये तक कर दिया गया है।
– खाताधारक को 10 हजार रुपये तक की ओवरड्राफ्ट (ओडी) सुविधा मिलती है।
– PMJDY के तहत अकाउंट खुलवाने वालों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), अटल पेंशन योजना (एपीवाई) और मुद्रा योजना का लाभ सीधा अकाउंट में मिलता है।