नई दिल्लीः Make in India पीएम नरेंद्र मोदी कल यानि 17 सितंबर को अपना 72वां जन्मदिन मनाएंगे। 72 साल में नरेंद्र मोदी ने रेलवे स्टेशन पर एक चाय वाले से प्रधानमंत्री तक का सफर तय किया। हालांकि पीएम मोदी का ये सफर संघ के एक छोटे से कार्यकर्ता के तौर पर हुई थी, लेकिन तब शायद किसी को ये पता नहीं था कि संघ का छोटा सा ये कार्यकर्ता एक दिन देश का प्रधानमंत्री बनेगा। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर देश के कई लिए कई कड़े और बड़े फैसले लिए हैं, जो आज भारत को तेजी से एक विकसीत देश की ओर ले जा रहा है। हाल में भारत, ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। इस कामयाबी में मोदी सरकार की योजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। बात करें मोदी सरकार की योजनाओं की तो मोदी सरकार की ’मेक इन इंडिया’ योजना ने देश की अर्थव्यस्था को काफी गति दी है। तो चलिए जानते हैं क्या है मेक इन इंडिया?
भारतीय अर्थव्यवस्था देश में मजबूत विकास और व्यापार के समग्र दृष्टिकोण में सुधार और निवेश के संकेत के साथ आशावादी रुप से बढ़ रही है। सरकार के नए प्रयासों एवं पहलों की मदद से विनिर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। विनिर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को ’मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की शुरुआत की जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके।
’मेक इन इंडिया’ मुख्यतः विनिर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है लेकिन इसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना भी है। इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है।
’मेक इन इंडिया’ पहल के संबंध में देश एवं विदेशों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। अभियान के शुरु होने के समय से इसकी वेबसाईट पर बारह हजार से अधिक सवाल इनवेस्ट इंडिया के निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ द्वारा प्राप्त किया गया है। जापान, चीन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया जैसे देशों नें विभिन्न औद्योगिक और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में भारत में निवेश करने हेतु अपना समर्थन दिखाया है। श्मेक इन इंडियाश् पहल के तहत निम्नलिखित पचीस क्षेत्रों- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है की पहचान की गई है।
मोदी सरकार ने इस योजना में ऑटोमोबाइल, ऑटो कम्पोनेंट, विमानन, जैव प्रौद्योगिकी, रसायन, रक्षा उत्पादन, विद्युत मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, आईटी एवं बीपीएम, चमड़ा, मीडिया एवं मनोरंजन सेक्टर, खदान, तेल एवं गैस, फार्मा, बंदरगाह एवं नौवहन के साथ रेलवे, सड़क एवं राजमार्ग, नवीकरणीय ऊर्जा, अंतरिक्ष, वस्त्र एवं परिधान, थर्मल पावर, पर्यटन और आतिथ्य को शामिल किया है। वर्तमान में विनिर्माण क्षेत्र जीडीपी में 16 फीसदी का योगदान कर रहा है, जबकि सरकार का उद्देश्य 2022 तक इसे 25 फीसदी करना है।
मेक इन इंडिया के तहत देश में ही रेल पहियों का निर्माण हो और दूसरे देशों को निर्यात कर मुनाफा कमाया जाए। इसको लेकर रेलवे ने खांचा बना लिया है। पहियों के कारखानों से कम से कम 80 हजार पहियों का निर्माण किया जाएगा। नई फैक्ट्री में वंदे भारत, राजधानी, शताब्दी जैसी सुपर फास्ट ट्रेनों के पहियों के निर्माण कार्य पर जोर दिया जा रहा है।
दो सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आईएनएस विक्रांत को नौसेना में कमीशंड हुआ था। 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार यह एयरक्राफ्ट कैरियर पूरी तरह स्वदेसी है, जिसका निर्माण मेक इन इंडिया के तहत किया गया है। इसका निर्माण 2009 में शुरू हुआ था। विक्रांत का फ्लाइट डेक दो फुटबॉल मैदान के बराबर है। विक्रांत के आने से भारत भी उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास खुद एयरक्राफ्ट डिजाइन करने और निर्माण करने की क्षमता है। इस पोत को भारतीय नौसेना के इन-हाउस डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन ने डिजाइन किया है। इसका निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है। इस पोत का नाम भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के नाम पर रखा गया है।
स्मार्टफोन और दूसरे गैजैट्स बनाने वाली दुनिया की दिग्गज कंपनी Apple अब अपने नए आइफोन का उत्पादन भारत में करेगी। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार Apple अपने आने वाले i Phone 14 को भारत में भी बनाएगी। रिपोर्ट के अनुसार Apple अपने करीब 90 प्रतिशत से अधिक उत्पाद चीन में ही बनाती है और चीन उसके लिए बड़ा बाजार भी है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में चीन की सरकार की नीतियों और वहां की घरेलू स्थितियों की वजह से Apple अब चीन की जगह भारत को तवज्जो दे रही है और चीन के बाद अब भारत उसकी पहली पसंद बन चुका है। भारत में फिलहाल आईफोन 11, 12 और 13 का उत्पादन होता है. ये सभी आईफोन तमिलनाडु में स्थित ताइवानी कंपनी (Fox Con) फॉक्सकॉन के प्लांट में बनाए जाते हैं।
वित्तीय वर्ष 2022- 23 का यह बजट भविष्य की प्राथमिकताओं के साथ अगले 25 वर्षों के लिए आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने की नींव रखता है। 40 लाख करोड़ के इस बजट में केंद्र सरकार ने हर वर्ग को ध्यान में रखा है। इस बजट से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और आम लोगों के लिए कई नए अवसर पैदा होंगे। देश में विकास को मजबूती देने के लिए एक्सप्रेस वे, आवास, सौर विनिर्माण आदि के लिए खरबों रुपए आवंटित किए गए हैं। युवा हमारे देश के भविष्य हैं उन को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख नौकरी देने का ऐलान किया है, यही नहीं जरूरत पड़ने पर 30 लाख और नौकरी दी जा सकती हैं, वहीं इनमें से आत्मनिर्भर भारत के तहत 16 लाख नौकरी दी जाएंगी।