हिंदी फिल्म जगत में कुछ नायब कलाकार भी हुए । जिनका नाम ही आज के समय में इंडियन सिनेमा की पहचान है। हम यहां महान कलाकार गुरु दत्त के बारें में बात कर रहे है। उनका स्टाइल उनके फिल्म मेकिंग का नजरिया सबसे यूनिक था। जिसके कारण उन्होंने इंडियन फिल्म इंड्रस्ट्री का सबसे महान कलाकार कहा जाता है।
गुरु दत्त साहब ने जैसी फिल्में बनाईं। बाद मेंं वैसी फिल्म कोई नहीं बना पाया। कमल हासन, मोहन लाल, इरफान खान, जैसे स्टार्स में उनकी एक्टिंग की बारीकियां दिख जाती है। उनके लिए सिनेमा व्यसाय ना होकर पैशन था। जिसके लिए वे किसी भी सीमा को पार कर जाते थे।
गुरु दत्त एक लेखक, निर्देशक, अभिनेता और फिल्म निर्माता भी थे। उन्होंने 'कागज के फूल', 'प्यासा', 'मिस्टर एंड मिसेज 55', 'बाज', 'जाल', 'साहिब बीबी और गुलाम' जैसी कई शानदार फिल्में दी थी। जिसे आज इंडियन सिनेमा का स्वर्णिम धरोहर माना जाता है।
उन्होंने बॉलीवुड में बतौर डायरेक्टर फिल्म 'बाजी' से 1951 में डेब्यू किया था। इस फिल्म में देव आनंद और गीता दत्त मुख्य भूमिका में थे। गुरु दत्त की पहली ही फिल्म की काफी तारीफ की गई। इसके बाद गुरु दत्त ने सीआईडी में वहीदा रहमान को पहली बार कास्ट किया।
गुरु दत्त भले ही आज हमारे बीच मौजूद ना हो लेकिन सिनेमा को दिया उनका अतुलनीय योगदान कोई नहीं भूल पाएगा। सिनेमा की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को उनकी फिल्मोग्राफी एक बार जरुर देखनी चाहिए।
गुरु दत्त, एक ऐसे ऐक्टर और डायरेक्टर थे जिनकी मौत के बाद उन्हें दुनियाभर में पहचान मिली। गुरु दत्त की ऐसी ही एक क्लासिक फिल्म है 'प्यासा' जिसे आज भी वर्ल्ड सिनेमा की कुछ चुनिंदा फिल्मों में गिना जाता है।