दुबई के जबेल अली में चार अक्टूबर को पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन हो गया। पांच अक्टूबर से श्रद्धालु इस मंदिर में आकर दर्शन कर सकेंगे। स्थानीय मीडिया की तरफ से बताया गया कि देश के सहिष्णुता और सहअस्तित्व मंत्री शेख नाहन बिन मुबारक अल नाहयान और यूएई में भारत के राजदूत सुंजय सुधीर इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए।
इस हॉल में एक बड़ा सा 3डी प्रिंटेड गुलाबी कमल है जो पूरे गुंबद पर नजर आता है और उसे खूबसूरत बना देता है।यह मंदिर 'पूजा गांव' के तौर पर मशहूर जबेल अली में स्थित है। यह वह जगह है जहां पर कई चर्च और गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा स्थित है।
मंदिर अंदर से काफी खूबसूरत है और इसकी खूबसूरती देखती ही बनती है। मंदिर के मुख्य हॉल में ईश्वर की मूर्तियां स्थापित हैं।
यूएई में भारतीय राजदूत सुंजय सुधरी ने कहा कि दुबई में यह मंदिर 16 हिंदू देवी-देवताओं के साथ गुरुग्रंथ साहिब की भी पूजा का स्थल होगा। यूएई के सहिष्णुता और सहअस्तित्व मंत्री शेख नाहन मुबारक अल नाहयन दशहरे के करीब इस मंदिर का उद्घाटन करेंगे। अगस्त महीने के अंत में मंदिर में सिखों के पवित्र ग्रुरु ग्रंथ साहिब को भी यहां रखा गया था।
दुबई में करीब 64 साल पहले एक हिंदू मंदिर का निर्माण हुआ था। दुबई में स्थित उस मंदिर में भगवान शिव और कृष्ण की स्थापना हुई है। लेकिन यह अब तक का सबसे विशाल मंदिर है।
पहली मंजिल पर एक बड़ा सा प्रेयर हॉल है। इसके एक किनारे पर छोटे कमरे बने हैं जिसमें 16 भगवान स्थापित हैं। वहीं, भगवान ब्रह्मा के लिए एक अलग से कमरा है। पहली मंजिल पर 4,000 स्क्वॉयर फीट का एक हॉल है। इस हॉल में कई धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन हो सकेगा। इनमें श्रद्धांजलि सभा, शादी समारोह और दूसरे कार्यक्रम शामिल होंगे।
14 पंडित खास भारत से गए हैं और मंत्रोच्चार के लिए बुलाये गए हैं। उद्घाटन के लिए यूएई और भारत सरकार के सीनियर अधिकारी पहुंचे। साथ ही कुछ राजनयिक और समुदायिक लीडर्स को भी इसके लिए आमंत्रित थे।
वर्तमान समय में दर्शन सिर्फ कुछ घंटों के लिए ही है। बुकिंग सिस्टम अक्टूबर के अंत तक रहेगा और इसके बाद सदस्यों को फ्री एंट्री मिलेगी। वो किसी भी समय आकर दर्शन कर सकते हैं।
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