1. एम विश्वेश्वरैया एक साधारण परिवार में जन्मे थे। मात्र 12 वर्ष की उम्र में उनके पिता का निधन हो गया। तमाम कठिनाइयों से गुजरते हुए उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी। बाद में उन्होंने कई विद्यालयों की स्थापना भी की।
2. पढाई भले से ही कठिनाइयों से होकर गुजरी हो, लेकिन एक ऐसा भी समय आया जब उन्होंने पॉलीटेक्निक कॉलेज को 1 लाख रुपये से ज्यादा का दान किया।
3. 1909 में उन्हें मैसूर राज्य का चीफ इंजीनियर का पद दिया गया।
4. हैदराबाद शहर की सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त करना एक चुनौती थी। इसके लिए उन्होंने स्टील के दरवाजे के जरिए स्वचालित ब्लॉक सिस्टम को ईजाद किया और पानी के बहाव को रोकने की तरकीब दी। आज यह प्रणाली पूरे विश्व में प्रयोग में लाई जा रही है।
5. विश्वेश्वरैया ने मूसा व इसा नामक दो नदियों के पानी को बांधने के लिए भी प्लान तैयार किया था। इसके बाद उन्हें मैसूर का चीफ इंजीनियर नियुक्त किया गया।
6. 1912 से 1918 तक एम. विश्वेश्वरैया मैसूर के दीवान रहे।
7. उन्हें "आधुनिक मैसूर राज्य का जनक" कहा जाता है।
8. एक इंजीनियर के तौर पर विश्वेश्वरैया ने अनेक काम किये इस लिए इनका जन्मदिन 15 सितंबर को पूरा देश इंजीनियर दिवश के रुप में मनाता है।