Year Ender 2022: तमाम यादों को समेटे 2022 विदा लेने वाला है। नई उम्मीद और नई आशाओं के साथ नया साल 2023 दहलीज पर खड़ा है। लेकिन नए साल के आगाज से पहले साल के 2022 के पन्नों को पलटते हैं और आपको बताते है कि क्यों 2022 का साल काफी उथल-पुथल भरा रहा है। ऐसे में साल 2022 राजनीतिक दृष्टि से काफी अहम रहा। क्योंकि ये साल कई प्रमुख सियासी घटनाक्रमों का गवाह रहा। राजनीति, धर्म और सोशल मीडिया। इनका मिलाजुला रूप ही कॉन्ट्रोवर्सी को पनपने में मददगार होती है। तो आज आपको बताते है कि साल 2022 की बड़ी राजनीतिक शख्सियतें और विवादों के बारे में…
Year Ender 2022: साल 2022 में एक राजनीतिक विवाद ऐसा भी आया जिससे भाजपा को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। भाजपा की प्रवक्ता नूपूर शर्मा द्वारा दिया गया बयान राजनीति में उथल पुथल मचाने के लिए काफी था। उनके एक बयान ने विपक्ष को आवाज उठाने के लिए एक रास्ता सा दे दिया था। दरअसल, उन्होंने एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद देश भर में नूपुर शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन हुए। देश के कई हिस्सों में हिंसा हुई और नूपुर मुस्लिम संगठनों और कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गईं। बाद में इस विवादित बयान के चलते नूपुर को इस्तीफा देना पड़ा और बीजेपी ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से सस्पेंड कर दिया।
Year Ender 2022: बिहार में बीजेपी और नीतीश कुमार की जुलाई, 2022 से ही अनबन होने लगी थी। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केंद्र सरकार ने महीनेभर में नीतीश कुमार को 4 बुलावे भेजे, लेकिन वो एक में भी नहीं पहुंचे। आखिरकार दोनों के बीच मतभेद इतना बढ़ गया कि 9 अगस्त, 2022 को नीतीश कुमार ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने लालू यादव की पार्टी RJD के साथ मिलकर नई सरकार बना ली।
Year Ender 2022: इन चुनावी हार-जीतों के बीच ही भाजपा का ऑपरेशन लोटस यानी राज्यों में विपक्षी दलों के विधायकों की डरा कर या लालच देकर तोड़ने विपक्षी दल की सरकार को गिराने का खेल इस साल भी जारी रहा। महाराष्ट्र में तीन साल पहले शिव सेना ने भाजपा से नाता तोड़ कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिल कर सरकार बनाई थी, जिसे भाजपा हजम नहीं कर पा रही थी। पहले उसने कांग्रेस और एनसीपी के विधायकों को तोड़ कर सरकार गिराने की कोशिशें कीं। उनमें नाकाम रहने पर आखिर उसने 30 साल तक अपनी सहयोगी रही शिव सेना को तोड़ दिया और उसके टूटे हुए धड़े के नेता की अगुवाई में सरकार बना ली।
Year Ender 2022: इस साल कांग्रेस को तकरीबन 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिला है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को करारी शिकस्त दी। चुनावों में खड़गे को 7,897 वोट मिले। इसी के साथ खड़गे पार्टी के दूसरे दलित अध्यक्ष हैं। जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मुख्य रूप से तीन बड़े नाम सामने आए थे। जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे, शशि खरूर और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने अपनी दावेदारी ठोकी थी। लेकिन सीएम अशोक गहलोत को अपनी सीएण की कुर्सी और पायलट को दरकिनार करने के उद्देश्य से अपना नाम वापस लेना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक अशोक गहलोत नहीं चाहते हैं कि सचिन पायलट को राजस्थान की सत्ता की कमान मिले। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष पद के नियम अनुसार एक व्यक्ति को दो पद नहीं दिए जा सकते इस कारण भी उन्होंने अपने आप को उम्मीदवारी से दूर लिया।