Bemetara Mata Siddhi Mandir: बेमेतरा। 60 सालों से चल रहा है बलि… लोगों की मन्नत पूरी होने से माता सिद्धि में दी जाती है बलि। बेमेतरा से 15 किलोमीटर दूर ग्राम संडी में सिद्धि माता का मंदिर है जो एक खेत में छोटी सी कुटिया में विराज मान थी और आज 60 साल के बाद 111 फीट से निर्मित हो रहा मंदिर, एक किसान जीवन लाला साहू को स्वप्न देकर खेत में उद्गम हुई थी। माता सिद्धि, 1965 में हल चलाते समय खेत में देखी थी। माता स्वरूप मूर्ति, मन्नता की बखान है कि जीवन साहू कि पत्नी आए दिन भग कर अपने मायके चली जाती थी। एक दिन साहू को स्वप्न आया। जहां खेत में माता के स्वरूप उद्गम हुई।
सिद्धि माता जिसको जीवन साहू ने सुमर कर मन्नत मांगी कहा की मेरी पत्नी बात–बात बार–बार अपने मायके चली जाती है साथ ही संतान की प्राप्ति की माता से मन्नत किया, जिसके बाद पत्नी उसी दिन वापस घर आ गई और कुछ समय बीत जाने के बाद पुत्र प्राप्त हुआ। जीवन साहू को खुशी हुआ और माता के नाम पर बकरा की बलि दिया, जिसके बाद से आज लगभग 60 साल हो गया।
Bemetara Mata Siddhi Mandir: माता की मंदिर धीरे धीरे बृहद रूप लिया। आज 111 फिट की मंदिर निर्माणाधीन पर है। उसी के चलते बात धीरे धीरे फैल गया और लोग यहां अपनी मुराद लेकर आते है और पूरा होने पर होली के दूसरे दिन से लेकर तेरस तक यह बलि देने की परंपरा चले आ रहा है। लोग इस परंपरा को निभा रहे है। बलि की परंपरा में आज लगभग 60 साल हो गया है लोग इस मंदिर में माथा टेक मन्नत मांगते है। मन्नत पूरी होती है और फागुन के होली के तेरस के 13 दिन के अंदर में बलि देते है।