Maa Chandrahasini Mandir Chandrapur: रायगढ़। देश में मां दुर्गा के लाखों मंदिर होंगे.. सबका अपना-अपना महत्व भी है.. पर शक्तिपीठों की महत्ता सबसे खास होती है। कहते हैं मां सती के देहत्याग के बाद शिवजी उनकी देह को लेकर भारत भर में घूमते रहे। इस दौरान जहां-जहां मां के अंग-उपांग गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठों का निर्माण हुआ। आज हम आपको 52 शक्तिपीठों में शामिल रायगढ़ की चंद्रहासिनी देवी के दिव्य दरबार के बारे में बताएंगे।
चंद्रपुर में विराजित मां चंद्रहासिनी के प्रति लोगों की गहरी आस्था रही है। छत्तीसगढ़ के अलावा बड़ी संख्या में ओड़िसा के भक्त भी यहां माता की दर्शन के लिए आते हैं। दिलों में आस्था की ज्योति जलाए सैकड़ों भक्त मां चंद्रहासिनी के दर पर जयकारा लगाने आते हैं और मां सबकी मनोकामनाएंपूरी करती हैं। रायगढ़ जिले के एककस्बे चंद्रपुर में माता चंद्रहासिनी विराजती हैं। चंद्रपुरके बीचोबीच एकछोटी सी पहाड़ी है उसी के ऊपर मां का मंदिर बना हुआ है। यहां स्थापित माता की प्रतिमा को दो हजारवर्षों से भी ज्यादा प्राचीन माना जाता है।
कहा जाता है कि माता चंद्रहासिनी चंद्रपुर क्षेत्र में राज करने वाले हैहयवंशी राजाओं की कुलदेवी है। यहां की मूर्तिकला में हैहय काल की छाप भी नज़र आती है। मान्यता ये भी है कि चंद्रपुर में माता सती के नेत्र का एक हिस्सा गिरा था। इसी वजह से इसकी शक्तिपीठ के रूप में प्रतिष्ठा है। वर्षों पहले यहां आज की तरह भव्य मंदिर नहीं था तब माता यहां पहाड़ी पर एक छोटे से मंदिर में विराजित थीं। फिर देखते ही देखते माता की ख्याति फैलने लगीऔर आज यहां साल भरहजारों भक्तों काजमावड़ा लगा रहता है। इसे माता का प्रतापही कहेंगे कि आज यहां नवरात्रि पर 7 से 8 हजार ज्योति कलश प्रज्ववलित होते हैं।
माता चंद्रहासिनी को संतान की देवी माना जाता है इस वजह से संतान की कामना लेकर बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं। ऐसी आस्था है कि माता यहां आने वालों की झोली जरूर भरती हैं। एक बार जो मां के दर पर आ गया उसको संतान का सुख जरूर मिलता है।